शून्य जनपद के संदर्भ में
◼️ गोण्डा BSA को पार्टी बनाते हुए एक याचिका दाख़िल हुई
जिसमें ना शासनादेश चैलेंज किया गया और ना ही सरकुलर को चुनौती दी गयी, कोई
वक़ील विरोध के लिए उपलब्ध नही था इसलिए अप्रत्याशित रूप से एकतरफ़ा आदेश
भी हो गया। आदेश में कहा गया कि शून्य जनपद वाले अभ्यर्थीयों को बिना
न्यायालय की अनुमति प्राप्त किए नियुक्ति पत्र निर्गत ना किए जाएँ।