लखनऊ : सूचनाएं तो हैं लेकिन बिखरी हुई। आगरा मंडल की जानकारी
अलीगढ़ को नहीं मिल रही तो देवीपाटन की जानकारियों से लखनऊ अनजान है।
राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए चल रही 6,645 एलटी ग्रेड भर्ती में पिछले एक
वर्ष में 30 फीसदी से भी कम भर्ती हो पाई है।
इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग ने एक मोबाइल एप (एप्लीकेशन)
विकसित किया है। इसके सहारे भर्ती को जल्द निपटाने की योजना है। अभी
मंडलों से जानकारियां मंगाई जा रही हैं ताकि इसे एप पर अपलोड किया जा सके।
इस मोबाइल एप में सारे मंडलों में आवेदित अभ्यर्थियों का ब्योरा फीड किया
जाएगा। इसके बाद काउंसलिंग में आए हुए, कट ऑफ आदि का विवरण भी होगा। वहीं
ज्वाइन कर चुके अभ्यर्थियों का ब्योरा अलग होगा। इससे हर मंडल को पता चल
सकेगा कि किस अभ्यर्थी ने कहां ज्वाइन कर लिया है। उस अभ्यर्थी के एक मंडल
में कार्यभार ग्रहण करते ही उसे फ्रीज कर दिया जाएगा यानी वह अभ्यर्थी बाकी
जगहों के ब्योरे से निकल जाएगा।
वहीं डाटा फिल्टर करने से बाकी जानकारियां भी सामने आ जाएंगी।
मसलन किसी अभ्यर्थी ने फर्जी मार्कशीट के सहारे एक मंडल में नौकरी पाई,
पकड़ा गया तो उसके खिलाफ उस जिले में एफआईआर होगी। ये जानकारियां भी एप पर
मिलेंगी। लिहाजा बाकी मंडल भी उस अभ्यर्थी को लेकर सतर्क हो जाएंगे और उसे
सभी जगहो पर ब्लॉक कर दिया जाएगा।
दरअसल यह भर्ती प्रक्रिया पिछले वर्ष से चल रही है और इसमें
पहली काउंसलिंग अप्रैल से शुरू हुई। लेकिन अभी तक इस भर्ती प्रक्रिया में
तेजी नहीं आ पाई है। इसका कारण है कि यह भर्ती मंडलवार होती है और इसका
पूरा डाटा ऑफलाइन होने की वजह से एक मंडल की जानकारी दूसरे मंडल को नहीं हो
पाती। वहीं फर्जी अंकपत्रों के सहारे नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की
संख्या भी कम नहीं। हो यह रहा है कि एक अभ्यर्थी को फर्जी अंकपत्र के सहारे
आगरा मंडल में नौकरी मिली। वहां जांच में पकड़े गए तो मुरादाबाद मंडल में
ज्वाइन कर लिया।
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