शिक्षा मित्रो की कलम से , कुछ कार्य जो जीत के लिए बहुत जरुरी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

ये कुछ कार्य है जो सभी को करने होंगे। ये जीत के लिए बहुत जरुरी है । ये कार्य निम्न है- राज्य सरकार के कार्य :- १- आरक्षण समीकरण ( vertical and Horizontal )दोनों का लेखा जोखा जिलेवार तैयार रखें । २ - उस समय की परिस्थितियों से अवगत कराएँ , जब यह शिक्षामित्र योजना लागु की गयी । ३ - "पद के सापेक्ष " के ऊपर अपना ब्यू किलियर करें ।
४ - article 309 पर बहस करें । ५ - 2008 के GO जिसमें auto renual को मंजूरी दी गयी है उसके आधार पर यह सिद्ध करने की कोशिश करें कि शिक्षामित्र रेगुलर सेवा मे है सिर्फ जून माह के लिए no work no pay इन लागू रहा । इनसे सभी सरकारी कार्य लिए गये क्योंकि इन्हें हम पूर्णकालिक कर्मचारी मानते है । इन्हें वे सभी नियमों से अनुवंधित किया गया जो एक सरकारी कर्मचारी के लिए है , जैसे पद पर रहकर चुनाव न लड़ना आदि । इन्हें टेट से छूट हमनें नहीं दिया , rte act मे प्रदत्त शक्तियां इन्हें टेट दायरें से बाहर रखती है । 16 क का गलत मतलब निकाला गया । विज्ञापन के मुद्दे पर अपना ब्यू साफ करना । जैसे क्या यह संभव है कि ₹ 1850/- पर गाजियाबाद से कोई गोरखपुर पढाने आ सकता है ? क्या एक जिले में 70 km दूर किसी विद्यालय मे कोई भी व्यक्ति यह सर्विस करना चाहेगा ? क्या जो उस समय स्कूल समय से न खूल पाने की समस्या थी उसे दूर करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? MHRD और NCTE :- हम उन सभी को शिक्षक मानते है जो स्कूलों मे शिक्षण कार्य कर रहे है । उनकी नियुक्ति संविदा पर हुई है या पूर्णकालिक यह मायने नहीं रखता । उन्हें शिक्षण सत्र का भुगतान किया जाता था या पूरे साल का यह भी मायने नहीं रखता । उन्हें किसने रखा , उस समय उनकी क्या योग्यता थी यह भी सवाल नहीं है । rte act 2009 यह प्रावधान करता है कि इन शिक्षको को समय बद्ध तरीके से पाच साल मे NCTE ACT 2001 मे बिदित योग्यता अर्जित करनी है । इन सबपर भर्ती के नये नियम लागू नहीं होते । क्योंकि ये rte act 2009 आने से पूर्व शिक्षण कार्य कर रहे है इसलिए इन्हें हम ( NCTE) शिक्षक के रूप मे स्वीकार करते है । इनका समायोजन वेतन काम लेने का तरीका राज्य सरकारों के अधीन है । संघ :- सरकार और NCTE ,MHRD पर जबरदस्त दबाव बनाकर उपरोक्त बाते करवाएं । सभी घटनाओं से पल पल शिक्षामित्रों को अवगत कराएँ । आय व्यय का लेखा जोखा पटल पर रखें । जिलाकार्यकारिणी पर पैनी नजर रखें । किसी दूसरे पर उंगली न उठाएं , सिर्फ अपने कार्यों से अपनी पहचान बनाएं । शिक्षामित्रों से अर्जित धन का सदुपयोग बहुत ही चतुराई से किया जाय , मतलब वकीलों का पैनल एक कूटनीति के तहत ही हो । शिक्षामित्रों का दायित्व :- आपसब सिर्फ एक कार्य करें कि अपने विवेक का इस्तेमाल करें और सुप्रीमकोर्ट मे पैरवी करने वालों का दिलखोलकर सहयोग करें । ज्यादा mathematician न बनें । उदाहरण 1,70,000×500=85000000 Or 1,70,000×1000=170000000 यदि आपके हजार दो हजार खर्च करने से बीस से पच्चीस साल सैलरी मिल रही है तो क्यों ऐसा (समाज मे मान सम्मान रहेगा । दुश्मनों की उम्र कम हो जायेगी ) जिले लेबल पर शिक्षामित्र हित के लिए सदैव संगठित रहे । भाईयों मै तो सिर्फ यही तक सोच पा रहा हूँ । अन्य भाई भी अपना पक्ष रखने की कृपा करें । धन्यवाद

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