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पद के हिसाब से वित्तविहीन स्कूलों में मानदेय

प्रमुख संवाददाता, लखनऊ : प्रदेश सरकार वित्तविहीन स्कूलों में शिक्षकों सहित दूसरे कर्मचारियों को मानदेय उनके पद के अनुसार देगी। बुधवार को माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक महासभा के पदाधिकारियों से मुलाकात में प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने यह आश्वासन दिया।
मानदेय व उसकी प्रक्रिया के निर्धारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनी हुई है।
प्रदेश में वित्तविहीन स्कूलों के 2.5 लाख शिक्षकों को मानदेय दिए जाने पर सहमति बनी है। बजट में इसके लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए बनी कमिटी में मुख्य सचिव के साथ ही प्रमुख सचिव वित्त, माध्यमिक शिक्षा, नियोजन, बेसिक और शिक्षा निदेशक बेसिक और माध्यमिक भी शामिल हैं। कमिटी को सात बिन्दुओं पर विमर्श करना है। इसमें शिक्षकों को मिलने वाले मानदेय से लेकर उनकी पात्रता की शर्तें शामिल हैं। एमएलसी उमेश द्विवेदी, संजय मिश्र सहित दूसरे नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से मिला। नेताओं का दावा है कि इस दौरान सहमति बनी है कि वित्तविहीन शिक्षकों के खाते में सीधे कोषागार से मानदेय दिया जाएगा। सत्र 2014-15 तक नियुक्त शिक्षक इसके हकदार होंगे। प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, सहायक अध्यापक, लिपिक और कर्मचारी को पद के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। जुलाई के आखिर तक मानदेय मिलने की उम्मीद है।
अंतरजनपदीय तबादलों को लेकर धरना कल

बेसिक शिक्षा विभाग में अंतरजनपदीय तबादला की नीति न लागू होने से खफा प्राथमिक शिक्षक शुक्रवार को जीपीओ पर धरना देंगे। प्राथमिक शिक्षक स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि 4 मार्च को धरने के दौरान सरकार ने मई में प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। अब तक कोई कवायद नहीं हुई।
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