बीटीसी 2011, 2012, 2013 के बीच हाथापाई, पुलिस ने खदेड़ा

सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय पर शुक्रवार को एकबार फिर से बीटीसी प्रशिक्षु आपस में भिड़ गए। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से घोषित 16448 सहायक अध्यापक के पदों के लिए आवेदन करने के लिए बीटीसी - 2013 का परिणाम जल्द घोषित करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की बीटीसी-2011 एवं 2012 बैच के अभ्यर्थियों से भिड़ंत हो गई।
बीटीसी-2011 एवं 2012 बैच के अभ्यर्थी कह रहे थे कि पहले बीटीसी-2013 की कापियों का पुर्नमूल्यांकन कराया जाए, इसके बाद रिजल्ट घोषित हो। इस दौरान आपसी झड़प शुरू हो गई। बीटीसी प्रशिक्षुओं के बीच आपसी झड़प होती देख सचिव परीक्षा नियामक ने पुलिस बुला ली। परीक्षा नियामक कार्यालय पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे अभ्यर्थियों को दौड़ाकर भगाया।
सचिव परीक्षा नियामक कार्यालय पहुंचे बीटीसी-2011 एवं 2012 बैच के अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा नियामक कार्यालय में तैनात रहे विजय शंकर पांडेय ने बीटीसी-2013 बैच के अभ्यर्थियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाकर उन्हें अधिक नंबर दिलवा दिए हैं। यदि इन अभ्यर्थियों का पूर्व के मूल्यांकन के अनुसार परिणाम घोषित किया गया तो मेरिट में यह सबसे आगे होंगे। इससे बीटीसी-2011 एवं 2012 बैच के अभ्यर्थियों का चयन कठिन होगा।
वहीं बीटीसी-2013 बैच के अभ्यर्थियों का कहना है कि बीटीसी-2011 एवं 2012 के अभ्यर्थी चाह रहे हैं कि उनका परिणाम प्रदेश में 16448 शिक्षकों की भर्ती की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद घोषित किया जाए। इस दौरान पूरे सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में दिनभर हंगामा होता रहा।
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