हसनगंज, संवाद सहयोगी: लखनऊ से कन्नौज जा रहे बेसिक शिक्षा मंत्री के कार्यक्रम की जानकारी होने पर बीएसए हसनगंज पहुंच गए। बात विभागीय मंत्री की थी, इससे उन्होंने ने एबीएसए आदि को भी बुला किया।
ऐसे में शिक्षक नेता कहां रुकने वाले थे, स्कूल का शिक्षण कार्य छोड़कर लखनऊ बांगरमऊ मार्ग स्थित एक रेस्टोरेंट पर पहुंचे। जहां उन्होंने ने मंत्री का स्वागत किया। तभी मंत्री अहमद हसन ने बीएसए से किसी स्कूल का निरीक्षण कराने को कहा। यह सुनते ही वहां मौजूद कई लोगों के चेहरों पर हवाईयां छूट गई। बीएसए ने मुख्यमार्ग पर ही पड़ने वाले हसनगंज प्राथमिक व उच्चप्राथमिक विद्यालय की तरफ काफिला चल पड़ा। वहां का हाल देखने से साफ था कि मंत्री के आने की तैयारियां पहले से ही थी। इसी से फर्श पर मैट आदि सब कुछ तैयार था बस समस्या थी तो छात्र संख्या की, जो देखकर मंत्री को भी खटक गया। रोड के स्कूल पर शिक्षकों की तैनाती अधिक थी ही साथ ही दर्ज छात्र संख्या के सापेक्ष वह भी काफी कम मिली। इसपर उन्होंने नाराजगी जतायी और फर्जी आंकड़े तैयार करने को लेकर रोष जाते हुए कार्रवाई करने को कहा। लेकिन बीएसए ने जल्दी चार्ज लेने की बात कहते हुए बचाव किया।
मंगलवार सुबह लखनऊ से कन्नौज के लिए सड़क मार्ग से जा रहे बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन का काफिला गुजरने की सूचना विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों को हुई तो उनके स्वागत की रणनीति बन गई। बीएसए दीवान ¨सह यादव भी तय समय से पहले हसनगंज कस्बे से लगभग पांच सौ मीटर पहले एक रेस्टोरेंट पर पहुंच गए। उनके निर्देश पर एसडीआई मृत्युंजय यादव भी पहुंचे और स्वागत के इंतजाम में लग गए। उन्होंने आसपास के स्कूलों में तैनात शिक्षक शिक्षिकाओं को भी स्वागत के लिए निर्धारित स्थल पर बुला लिया। बात शिक्षक नेताओं तक पहुंची तो स्वागत करने के लिए पहुंचने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा। लगभग साढे़ नौ बजे मंत्री अहमद हसन का काफिला भी वहां पहुंच गया। जहां नारेबाजी के साथ जोरदारी के साथ स्वागत आदि हुआ। वहां से आगे बढ़ने से पहले ही मंत्री हसन ने बीएसए से पास का कोई विद्यालय ले चलने के लिए निर्देश दिए। यह सुनते ही वहां मौजूद शिक्षकों के पसीने छूट गए। उन्हें क्या पता था कि बीएसए और एबीएसए ने पहले से ही सारी तैयारी कर रखी हैं। बस फिर क्या था मंत्री का काफिला हसनगंज प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल के लिए चल पड़ा। वहां के हालात देखने पर निरीक्षण औचक होने की हकीकत खुद ही बया कर रहे थे। बताते हैं कि मौके पर फर्श पर मैट आदि पहले से पड़ी और बारिश के बाद भी विद्यालय बिल्कुल चमाचम नजर आ रहा था।
विद्यालय की छात्र संख्या ने खोल दी पोल : बेसिक शिक्षा मंत्री हसनगंज उच्च प्राथमिक विद्यालय निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने शिक्षिका मोनिका श्रीवास्तव से छात्र संख्या पूछी। शिक्षिका ने बताया कि 67 बच्चे पंजीकृत हैं लेकिन कक्षा में मात्र 17 बच्चे ही उपस्थित मिले। जब शिक्षकों की संख्या पूछी तो पता चला कि मुख्यमार्ग पर स्कूल होने के कारण एक शिक्षक और चार शिक्षिकाओं की वहां पर तैनाती है। यह सुनते ही उनका पारा चढ़ा। उन्होंने कहा कि केवल आंकड़े बाजी की गई है। यही हाल प्राथमिक विद्यालय में मिला। जहां एक शिक्षक और दो शिक्षिकाओं की तैनाती हैं। विद्यालय में वैसे तो 68 बच्चे पंजीकृत थे लेकिन मौके पर मात्र 32 ही उपस्थित मिले। इसपर मंत्री ने स्वयं बच्चों की संख्या की गिनती की।
मंत्री को भी समझ आया तैनाती का खेल : बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने विद्यालय में छात्र संख्या और शिक्षकों के तैनाती की संख्या जानने के बाद आश्चर्य नहीं प्रकट किया। बल्कि उन्हें समझ में आ गया कि वहां पर तैनाती के लिए छात्रों की संख्या को दुरुस्त रखने पर सारा जोर रहता है। इसी से उन्होंने कहा कि ये सब कागजी आंकड़ेबाजी की जा रही है। तभी तो स्कूल बच्चे नहीं आते हैं। उन्होंने मानक के अनुरूप बच्चे न होने से नाराजगी प्रकट की।पढ़ाई छोड़ शिक्षक भी मंत्री के स्वागत को पहुंचे विभागीय मंत्री के स्वागत कार्यक्रम की जानकारी होने पर कुछ शिक्षकों को विभागीय अधिकारियों ने फोन करके भीड़ बढ़ाने के लिए बुला लिया था। जिन शिक्षकों को नहीं भी बुलाया गया था वह भी पढ़ाई और मिड डे मील आदि का काम छोड़ कर मंत्री के स्वागत में चेहरा दिखाने के लिए पहुंच गए। इस बीच कई स्कूलों में घंटों तक पढ़ाई का काम चौपट रहा।
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ऐसे में शिक्षक नेता कहां रुकने वाले थे, स्कूल का शिक्षण कार्य छोड़कर लखनऊ बांगरमऊ मार्ग स्थित एक रेस्टोरेंट पर पहुंचे। जहां उन्होंने ने मंत्री का स्वागत किया। तभी मंत्री अहमद हसन ने बीएसए से किसी स्कूल का निरीक्षण कराने को कहा। यह सुनते ही वहां मौजूद कई लोगों के चेहरों पर हवाईयां छूट गई। बीएसए ने मुख्यमार्ग पर ही पड़ने वाले हसनगंज प्राथमिक व उच्चप्राथमिक विद्यालय की तरफ काफिला चल पड़ा। वहां का हाल देखने से साफ था कि मंत्री के आने की तैयारियां पहले से ही थी। इसी से फर्श पर मैट आदि सब कुछ तैयार था बस समस्या थी तो छात्र संख्या की, जो देखकर मंत्री को भी खटक गया। रोड के स्कूल पर शिक्षकों की तैनाती अधिक थी ही साथ ही दर्ज छात्र संख्या के सापेक्ष वह भी काफी कम मिली। इसपर उन्होंने नाराजगी जतायी और फर्जी आंकड़े तैयार करने को लेकर रोष जाते हुए कार्रवाई करने को कहा। लेकिन बीएसए ने जल्दी चार्ज लेने की बात कहते हुए बचाव किया।
मंगलवार सुबह लखनऊ से कन्नौज के लिए सड़क मार्ग से जा रहे बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन का काफिला गुजरने की सूचना विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों को हुई तो उनके स्वागत की रणनीति बन गई। बीएसए दीवान ¨सह यादव भी तय समय से पहले हसनगंज कस्बे से लगभग पांच सौ मीटर पहले एक रेस्टोरेंट पर पहुंच गए। उनके निर्देश पर एसडीआई मृत्युंजय यादव भी पहुंचे और स्वागत के इंतजाम में लग गए। उन्होंने आसपास के स्कूलों में तैनात शिक्षक शिक्षिकाओं को भी स्वागत के लिए निर्धारित स्थल पर बुला लिया। बात शिक्षक नेताओं तक पहुंची तो स्वागत करने के लिए पहुंचने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा। लगभग साढे़ नौ बजे मंत्री अहमद हसन का काफिला भी वहां पहुंच गया। जहां नारेबाजी के साथ जोरदारी के साथ स्वागत आदि हुआ। वहां से आगे बढ़ने से पहले ही मंत्री हसन ने बीएसए से पास का कोई विद्यालय ले चलने के लिए निर्देश दिए। यह सुनते ही वहां मौजूद शिक्षकों के पसीने छूट गए। उन्हें क्या पता था कि बीएसए और एबीएसए ने पहले से ही सारी तैयारी कर रखी हैं। बस फिर क्या था मंत्री का काफिला हसनगंज प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल के लिए चल पड़ा। वहां के हालात देखने पर निरीक्षण औचक होने की हकीकत खुद ही बया कर रहे थे। बताते हैं कि मौके पर फर्श पर मैट आदि पहले से पड़ी और बारिश के बाद भी विद्यालय बिल्कुल चमाचम नजर आ रहा था।
विद्यालय की छात्र संख्या ने खोल दी पोल : बेसिक शिक्षा मंत्री हसनगंज उच्च प्राथमिक विद्यालय निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने शिक्षिका मोनिका श्रीवास्तव से छात्र संख्या पूछी। शिक्षिका ने बताया कि 67 बच्चे पंजीकृत हैं लेकिन कक्षा में मात्र 17 बच्चे ही उपस्थित मिले। जब शिक्षकों की संख्या पूछी तो पता चला कि मुख्यमार्ग पर स्कूल होने के कारण एक शिक्षक और चार शिक्षिकाओं की वहां पर तैनाती है। यह सुनते ही उनका पारा चढ़ा। उन्होंने कहा कि केवल आंकड़े बाजी की गई है। यही हाल प्राथमिक विद्यालय में मिला। जहां एक शिक्षक और दो शिक्षिकाओं की तैनाती हैं। विद्यालय में वैसे तो 68 बच्चे पंजीकृत थे लेकिन मौके पर मात्र 32 ही उपस्थित मिले। इसपर मंत्री ने स्वयं बच्चों की संख्या की गिनती की।
मंत्री को भी समझ आया तैनाती का खेल : बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने विद्यालय में छात्र संख्या और शिक्षकों के तैनाती की संख्या जानने के बाद आश्चर्य नहीं प्रकट किया। बल्कि उन्हें समझ में आ गया कि वहां पर तैनाती के लिए छात्रों की संख्या को दुरुस्त रखने पर सारा जोर रहता है। इसी से उन्होंने कहा कि ये सब कागजी आंकड़ेबाजी की जा रही है। तभी तो स्कूल बच्चे नहीं आते हैं। उन्होंने मानक के अनुरूप बच्चे न होने से नाराजगी प्रकट की।पढ़ाई छोड़ शिक्षक भी मंत्री के स्वागत को पहुंचे विभागीय मंत्री के स्वागत कार्यक्रम की जानकारी होने पर कुछ शिक्षकों को विभागीय अधिकारियों ने फोन करके भीड़ बढ़ाने के लिए बुला लिया था। जिन शिक्षकों को नहीं भी बुलाया गया था वह भी पढ़ाई और मिड डे मील आदि का काम छोड़ कर मंत्री के स्वागत में चेहरा दिखाने के लिए पहुंच गए। इस बीच कई स्कूलों में घंटों तक पढ़ाई का काम चौपट रहा।
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