लखनऊ यूपी में राजकीय शिक्षकों की भर्तियां अब प्रदेश स्तर पर होंगी। ये भर्तियां अब ऑनलाइन होंगी। प्रदेश सरकार जल्द ही इसके लिए राजकीय शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव पर शासन में भी सहमति बन चुकी है।
इस संशोधन के बाद राजकीय इंटर कॉलेजों और हाई स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षकों की भर्तियों का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
राजकीय शिक्षक भर्ती अभी तक मंडल स्तर पर होती थी। एक आवेदक कई मंडलों में आवेदन करता है। ऐसे में ज्यादातर मंडलों में टॉप रैंकर का ही सिलेक्शन हो जाता है। इसमें दिक्कत यह होती है कि एक सीट चुनने के बाद जब टॉप रैंकर बाकी जगहों से दावा छोड़ देते हैं तो वहां भर्ती शुरू हो पाती है। यह पता चलने में ही काफी वक्त लग जाता है कि हाई मेरिट वाले ने किस जिले में जॉइनिंग ली। जैसे-जैसे वे सीट छोड़ते हैं, तो उसके अनुसार कई बार फिर से काउंसलिंग करानी पड़ती है। इसमें कई वर्ष लग जाते हैं लेकिन भर्तियां पूरी नहीं हो पातीं। ऐसा ही हाल तीन साल पहले शुरू हुईं 6645 शिक्षकों की भर्ती का हुआ। इनमें से महज दो हजार शिक्षकों की ही नियुक्ति हो सकी है।
ऑनलाइन और प्रदेश स्तर पर भर्ती एक स्वागत योग्य कदम है। इससे भर्तियों में फर्जीवाड़ा रुकेगा और स्कूलों को जल्द शिक्षक मिल सकेंगे। हमारी मांग है कि सरकार जल्द यह संशोधन कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाए। -पीनएन पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ
यह होगा फायदा
वहीं ऑफलाइन भर्ती से भी काफी दिक्कत होती है। मंडल स्तर पर ऑफलाइन भर्ती में आवेदन छांटने और फिर काउंसलिंग में काफी वक्त लग जाता है। लाखों आवेदन आते हैं और इस काम के लिए शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। इस तरह प्रदेश स्तर पर भर्ती होने और आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से काफी सहूलियत मिलेगी। इससे विभाग को भी भर्तियां करने में आसानी होगी और अभ्यर्थियों को भी भटकना नहीं पड़ेगा। ऑनलाइन भर्ती से फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
इस संशोधन के बाद राजकीय इंटर कॉलेजों और हाई स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षकों की भर्तियों का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
राजकीय शिक्षक भर्ती अभी तक मंडल स्तर पर होती थी। एक आवेदक कई मंडलों में आवेदन करता है। ऐसे में ज्यादातर मंडलों में टॉप रैंकर का ही सिलेक्शन हो जाता है। इसमें दिक्कत यह होती है कि एक सीट चुनने के बाद जब टॉप रैंकर बाकी जगहों से दावा छोड़ देते हैं तो वहां भर्ती शुरू हो पाती है। यह पता चलने में ही काफी वक्त लग जाता है कि हाई मेरिट वाले ने किस जिले में जॉइनिंग ली। जैसे-जैसे वे सीट छोड़ते हैं, तो उसके अनुसार कई बार फिर से काउंसलिंग करानी पड़ती है। इसमें कई वर्ष लग जाते हैं लेकिन भर्तियां पूरी नहीं हो पातीं। ऐसा ही हाल तीन साल पहले शुरू हुईं 6645 शिक्षकों की भर्ती का हुआ। इनमें से महज दो हजार शिक्षकों की ही नियुक्ति हो सकी है।
ऑनलाइन और प्रदेश स्तर पर भर्ती एक स्वागत योग्य कदम है। इससे भर्तियों में फर्जीवाड़ा रुकेगा और स्कूलों को जल्द शिक्षक मिल सकेंगे। हमारी मांग है कि सरकार जल्द यह संशोधन कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाए। -पीनएन पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजकीय शिक्षक संघ
यह होगा फायदा
वहीं ऑफलाइन भर्ती से भी काफी दिक्कत होती है। मंडल स्तर पर ऑफलाइन भर्ती में आवेदन छांटने और फिर काउंसलिंग में काफी वक्त लग जाता है। लाखों आवेदन आते हैं और इस काम के लिए शिक्षा विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। इस तरह प्रदेश स्तर पर भर्ती होने और आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने से काफी सहूलियत मिलेगी। इससे विभाग को भी भर्तियां करने में आसानी होगी और अभ्यर्थियों को भी भटकना नहीं पड़ेगा। ऑनलाइन भर्ती से फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
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