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नौकरी की गारंटी के लिए शिक्षामित्रों ने कराई काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने से डरे शिक्षामित्र

इलाहाबाद। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 16 एवं 17 अगस्त को हुई काउंसलिंग में सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों ने भी नौकरी की गारंटी के लिए काउंसलिंग करवाई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित बीटीसी पास शिक्षामित्रों ने विभाग से एनओसी लेकर काउंसलिंग में भागीदारी की।
जो शिक्षामित्र बिना एनओसी के काउंसलिंग करवाए हैं, उनकी नौकरी पर खतरा बन गया है।

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से 16448 सहायक अध्यापकों के पदों की घोषणा की गई। आवेदन के दौरान सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों ने भी इस भर्ती में फार्म भर दिया। फार्मों की स्क्रीनिंग के दौरान पता चला कि इसमें शिक्षामित्रों ने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना आवेदन कर दिया। मामला सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के संज्ञान में आने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के सहायक अध्यापक बने किसी शिक्षामित्र को काउंसलिंग में शामिल न किया जाए।
काउंसलिंग करवाने वाले शिक्षामित्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित चल रहा है, इसमें कोर्ट का फैसला क्या होगा, इस डर के कारण सहायक अध्यापक भर्ती में काउंसलिंग करवा रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी इलाहाबाद पर काउंसलिंग के दौरान कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्रों को काउंसलिंग में शामिल करवाए हैं। इस बारे में बीएसए जयकरन यादव का कहना है कि बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के किसी समायोजित शिक्षामित्र को काउंसलिंग में शामिल किया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के आरोप निराधार हैं। उन्होंने बताया कि दो दिन में 244 पदों के लिए 614 अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग करवाई।

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