समायोजित शिक्षकों के तबादलों से बढ़ी रार, बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का तबादले निरस्त करने का आदेश

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने वालों के तबादले निरस्त कर दिए गए हैं, क्योंकि हाईकोर्ट समायोजन को रद कर चुका है और सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव का निर्देश है कि ऐसी स्थिति में समायोजित शिक्षकों का स्थानांतरण किया जाना उचित नहीं है।
इस आदेश से समायोजित शिक्षकों में खलबली मची है। वहीं, दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने इस आदेश की जद में 72 हजार भर्ती के शिक्षकों को भी लाने की मांग की है, क्योंकि उनका प्रकरण भी शीर्ष कोर्ट में हैं और उनका भी तबादला हुआ है।

गर्मी की छुट्टियों में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में जिले के अंदर प्रदेश भर में खूब तबादले हुए। अन्य शिक्षकों की तरह ही समायोजित शिक्षकों ने भी बीएसए के जरिए अपना भी मनचाहे स्कूलों में तबादला करा लिया। सूबे के उन्नाव जिले में शिक्षामित्रों के तबादले की चर्चा हुई। बताते हैं कि कई समायोजित शिक्षकों ने विभागीय मंत्री एवं वरिष्ठ अफसरों से अनुमोदन लेकर स्थानांतरण करवा लिया। इस मामले में परिषद सचिव ने सभी बीएसए को पहले मौखिक आदेश देकर तबादले निरस्त करने को कहा। अधिकांश बीएसए ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए, लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो रहा था और लगातार यह तर्क दिया जा रहा था कि आखिर परिषद सचिव ने मौखिक आदेश क्यों दिया। आखिरकार सिन्हा ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिया है। उसके बाद से हड़कंप मचा है और आदेश के निहितार्थ निकाले गए हैं। समायोजित शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश नए तबादलों पर लागू होगा, पुराने स्थानांतरण यथावत रहेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि यह आदेश जारी करने का कारण यह है कि प्रदेश के तमाम जिलों से अब तक समायोजित शिक्षकों के तबादले के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं, इससे परिषद मुख्यालय असहज था। हालांकि परिषद सचिव के आदेश में नए एवं पुराने का कहीं कोई जिक्र नहीं है। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ समायोजित शिक्षकों का ही प्रकरण लंबित नहीं है वहां 72 हजार एवं अन्य भर्तियों की भी सुनवाई होनी है ऐसे में सिर्फ समायोजित शिक्षकों का तबादला निरस्त करना जायज नहीं है। यह आदेश सबके लिए होना चाहिए, क्योंकि अन्य भर्तियों के नए शिक्षकों के भी स्थानांतरण हुए हैं।

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