हाईकोर्ट के सिंगल और डबल बेंच से जूनियर समेत लगभग 1 लाख भर्तियां रद्द

जैसा की सबको जानकारी हो गयी होगी के हाई कोर्ट के सिंगल और डबल बेंच से jrt समेत लगभग 1 लाख भर्तियां रद्द हो चुकी है वो किस आधार पर रद्द हुई है वो इस प्रकार है:
jrt स्पेशल

1- ncte के 9बी के अनुसार tet wetege should be given to any teacher recruitment,
लेकिन सरकार ने कुछ भी वेटेज नहीं दिया ।जबकि ट्रिपल बेंच ने tet मेरिट देने के आर्डर दिया था। जो कि 72825 में लागू है। jrt के केस में सिंगल,डबल बेंच ने भी tet वेटेज देने को जरूरी कहा बिना इसके लगभग सभी 1लाख भर्तियां रुद्द हो चुकी है। कोर्ट ने कहा है के क्वालिटी एजुकेशन से कोई compromise नहीं करेगें। Education child centred होना चाहिए न कि सरकार में वोट बैंक के आधार पर।और क्वालिटी एडुकेशनमे tet मार्क को किसी भी स्तर पर नाकारा नही जा सकता।

12 vs 15, 16 संशोधन

इस मुद्दे पर ट्रिपल बेंच ने जो आर्डर दिया है वो संविधान के समानता के अधिकार का पालन ना करने के आधार पर 15,और16 को रुद्द किया गया। कुछ लोग कहते है के bade of selection निर्धारित करने का अधिकर राज्य सरकार को है तो वो ये भी जान ले ये दोनों नियम राज्य सरकार ने ही बनाये है कोर्ट ने नहीं ।
इसके अलावा रुद्द नियम पर भर्ती कैसे ?

कुल मिलाकर कोर्ट के 14 से 15 जजो का मत बच्चो के क्वालिटी एजुकेशन यानि child centerd education की तरफ है।

चूँकि कोर्ट द्वारा 1 लाख लोगो को निकलना आसान नहीं है तो कोर्ट बीच का रास्ता ही निकलेगी और तभी संभव है जब जो लड़ रहे है उनको भी राहत मिले।वरना 1 लाख लोगो को खुद कोर्ट भी नहीं बचा सकती।

केस को यहाँ तक पहुचाने में योगेन्द्र यादव जी का योगदान उनके परिश्रम कर्मठता, जुझरूपन और निर्भीकता सराहनीय है। आशा है आगे भी योगेद्र जी और एसके पाठकजी के मार्गदर्शन में हमे सफलता मिलेगी।
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