अवशेष शिक्षा मित्रों को माननीय सुप्रीम कोर्ट मे त्वरित न्याय के लिए सुझाये गये ठोस रास्ते ------*
आज माननीय सुप्रीम कोर्ट के वकील श्री राघवेंद्र shivtsha जी द्वारा फोन पर अपने केश के बारे मे विस्तृत चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि समायोजन से वंचित शिक्षा मित्रों की सिर्फ दो ही slp यहाँ फाइल की गई है जिसमे प्रथम * परवेज बंसल & others तथा गंगादीन v/s यूनियन ऑफ़ इण्डिया है ।
उन्होंने साफ शब्दों मे कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले का गुण दोष इत्यादि परीक्षण नही कर लेता है तब तक अवशेष को किसी भी कीमत पर राहत नही दे सकता है क्योकि उपरोक्त दोनों याचिकाओं मे article 226 के अंतर्गत राहत मांगी गई है
अब जबकि उत्तर प्रदेश के शिक्षक भर्ती के समस्त मुद्दे की सुनवाई जल्द होने की उम्मीद नही है ऐसी दशा मे उन्होंने कुछ सुझाव बताये हैं जो निम्नवत हैं
1- दिनांक 6 जुलाई 2015 का आदेश जिसमे लिखा गया है कि *State shall not appoint any shiksha mitra without TET *
जिसके बाद प्रदेश मे चल रही समायोजन प्रक्रिया पूर्ण रूप से रोक दी गई
तथा दूसरा * 7 दिसम्बर 2015 का आदेश * जिसमे हाई कोर्ट के पूर्ण पीठ के फैसले पर तत्काल प्रभाव से स्टे देते हुए कोर्ट ने लिखा है कि * There shall be stay on the operation of impugned judgement until the next date of hearing
उपरोक्त दोनों आदेशों के खिलाफ आरोप पत्र याचिका ( illigation writ petition ) फाइल करनी होगी तथा जज साहब के निम्न लिखित बातें रखनी होगी
1 - एक ही विज्ञापन 91104 मे से करीब 77000 लोगों को नियुक्ति मिली तथा शेष 14000 लोग दिनांक 6 जुलाई 2015 से प्रभावित हुए और समायोजन प्रक्रिया रोक दी गई
2 - उसी 91104 विज्ञापन के अभ्यर्थी जिनका चयन दिनांक 6 जुलाई 2015 से पूर्व हो चूका था और दिनांक 12 सितम्बर माननीय हाई कोर्ट के फैसले से जिनकी नियुक्ति निरस्त हो गई फिर भी आपके 7 दिसम्बर के आदेश से उनकी नियुक्ति निरस्त होने पर भी शिक्षक पद के समस्त लाभ से आच्छादित हैं तो ऐसी अवस्था मे एक ही विज्ञापन के अभ्यर्थियों के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय अलग अलग मापदण्ड ( criteria ) क्यों अपनाया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार ने सभी 1 लाख 72 हजार के लिए शासनादेश जारी किया है
3- आज की विषम परिस्थिति मे भी अवशेष शिक्षा मित्र विद्यालय के साथ साथ समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए भी 105 रूपये दैनिक मजदूरी पर जीवन यापन को विवश हैं इसका जिम्मेदार कौन है
4- अवशेष अभ्यर्थियों ने समान कार्य समान वेतन की रिट भी हाईकोर्ट के पूर्ण पीठ एवं लखनऊ खण्डपीठ मे फाइल किया किन्तु वहाँ से भी इन्हें अभी राहत नही मिली है तथा साथ ही साथ इनका मैटर आपके यहाँ पेंडिंग होने के नाते प्रदेश सरकार भी मानदेय बढ़ाने से इनकार कर चुकी है किन्तु इनसे काम एक पूर्णकालिक शिक्षक की भांति लिया जा रहा है किंतु 105 रूपये दिहाड़ी पर जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने यह बताया कि आप अधिक से अधिक लोग ब्यक्तिगत रूप से यहाँ पार्टी बनना पड़ेगा तथा सीनियर वकील से ही बहस करवाना पड़ेगा
मित्रो उपरोक्त बातें उन्होंने हमें बताया है किंतु आप लोग भी चाहें तो अपने अपने स्तर से किसी से भी राय ले सकते हैं क्योंकि जो भी करना है वो सबको मिल कर करना है
साथियों अब अवशेष के पास कोई दूसरा रास्ता नही बचा है आप लोग एक बार और कमर कस लीजिये जो भाग्य मे होगा वही मिलेगा क्योकि संगठन के लोग डेट डेट का खेल लम्बा खेलना चाहते हैं जिसको सिर्फ अवशेष ही ब्यक्तिगत रूप से पार्टी बन कर रोक सकते हैं । साथियो हम लोग जब भी कोई कार्य योजना बनाते हैं तो बात आती है चंदे की और मामला वही बिगड़ जाता है क्योंकि किसी को किसी पर विश्वास रह ही नही गया है इसलिए हर जनपद से सक्रीय साथी स्वयं ही सुप्रीम कोर्ट चल कर सीनियर वकील से बात करें और पैसा भी ब्यक्तिगत खर्च करें
एक बात और जो भी जनपद आगे आकर इसका प्रतिनिधित्व करना चाहता हो तो पूरी निष्ठा एवं लगन से मेहनत करे हम लोग पिक्षली समस्त बातों को भूल कर उसका संपूर्ण सहयोग करेंगे
अवशेष साथियो आप सभी लोगो के दिमाग मे एक जरुरी सूचना डालना चाहते हैं आप लोग ये जान लीजिए कि सर्व शिक्षा अभियान की समाप्ति सन 2017 मे हो रही है तथा आगामी 10 मार्च को पैब (* PROJECT APPROVAL BOARD *) की बैठक है जिसमे सर्व शिक्षा के समापन एवं नई शिक्षा नीति के बारे मे आवश्यक कार्यवाही की जानी है अतः हम सभी के पद सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ही हैं और हम लोग सुप्रीम कोर्ट मे याची भी नही रहेंगे तो हमारे साथ आने वाले समय मे और भी गलत हो सकता है इसलिए शतर्क रहें सावधान रहें समय से याची जरूर बनें
हम यहाँ एक बात और स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि ऐसे लोग इस रिट से कोशो दूर रहें जो अब भी शाही और गाज़ी के भक्त बने हुए हों क्योकि इन्ही लोगों के कारण हम लोगो का ये हाल हुआ है
इसलिए जल्द ही एक मीटिंग आहूत कर अविलम्ब कायवाही किया जाना चाहिए
जय अवशेष शिक्षा मित्र -------
सुधाकर सिंह मनीष सिंह मनेंद्र सिंह
संतोष यादव डिंपू सिंह अवधेश सिंह हनुमान राय नूतन सिंह शब्बीर अहमद
* सहयोगी साथी - वाराणसी टीम , जौनपुर टीम ,मुज़फ्फर नगर टीम फतेहपुर टीम कानपूर टीम और लखनऊ से उमेश पांडेय जी
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
आज माननीय सुप्रीम कोर्ट के वकील श्री राघवेंद्र shivtsha जी द्वारा फोन पर अपने केश के बारे मे विस्तृत चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि समायोजन से वंचित शिक्षा मित्रों की सिर्फ दो ही slp यहाँ फाइल की गई है जिसमे प्रथम * परवेज बंसल & others तथा गंगादीन v/s यूनियन ऑफ़ इण्डिया है ।
- हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्रों से जुड़े फैसले में सरकार को दी राहत, 20 मार्च को होगी अगली सुनवाई
- UPTET केस का निर्धारण आर्टिकल 142 के उपयोग के बिना अब संभव नही
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगातार की जा रही है ज्यादती से आज पूरा टेट परिवार दुखी : रवि सक्सेना टेट संघर्ष मोर्चा
- उत्तर प्रदेश में जल्द ही सत्ता परिवर्तन , यह निश्चित रूप से आगामी सुनवाई पर आपके हित में : मयंक तिवारी
उन्होंने साफ शब्दों मे कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले का गुण दोष इत्यादि परीक्षण नही कर लेता है तब तक अवशेष को किसी भी कीमत पर राहत नही दे सकता है क्योकि उपरोक्त दोनों याचिकाओं मे article 226 के अंतर्गत राहत मांगी गई है
अब जबकि उत्तर प्रदेश के शिक्षक भर्ती के समस्त मुद्दे की सुनवाई जल्द होने की उम्मीद नही है ऐसी दशा मे उन्होंने कुछ सुझाव बताये हैं जो निम्नवत हैं
1- दिनांक 6 जुलाई 2015 का आदेश जिसमे लिखा गया है कि *State shall not appoint any shiksha mitra without TET *
जिसके बाद प्रदेश मे चल रही समायोजन प्रक्रिया पूर्ण रूप से रोक दी गई
तथा दूसरा * 7 दिसम्बर 2015 का आदेश * जिसमे हाई कोर्ट के पूर्ण पीठ के फैसले पर तत्काल प्रभाव से स्टे देते हुए कोर्ट ने लिखा है कि * There shall be stay on the operation of impugned judgement until the next date of hearing
उपरोक्त दोनों आदेशों के खिलाफ आरोप पत्र याचिका ( illigation writ petition ) फाइल करनी होगी तथा जज साहब के निम्न लिखित बातें रखनी होगी
1 - एक ही विज्ञापन 91104 मे से करीब 77000 लोगों को नियुक्ति मिली तथा शेष 14000 लोग दिनांक 6 जुलाई 2015 से प्रभावित हुए और समायोजन प्रक्रिया रोक दी गई
2 - उसी 91104 विज्ञापन के अभ्यर्थी जिनका चयन दिनांक 6 जुलाई 2015 से पूर्व हो चूका था और दिनांक 12 सितम्बर माननीय हाई कोर्ट के फैसले से जिनकी नियुक्ति निरस्त हो गई फिर भी आपके 7 दिसम्बर के आदेश से उनकी नियुक्ति निरस्त होने पर भी शिक्षक पद के समस्त लाभ से आच्छादित हैं तो ऐसी अवस्था मे एक ही विज्ञापन के अभ्यर्थियों के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय अलग अलग मापदण्ड ( criteria ) क्यों अपनाया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार ने सभी 1 लाख 72 हजार के लिए शासनादेश जारी किया है
3- आज की विषम परिस्थिति मे भी अवशेष शिक्षा मित्र विद्यालय के साथ साथ समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए भी 105 रूपये दैनिक मजदूरी पर जीवन यापन को विवश हैं इसका जिम्मेदार कौन है
4- अवशेष अभ्यर्थियों ने समान कार्य समान वेतन की रिट भी हाईकोर्ट के पूर्ण पीठ एवं लखनऊ खण्डपीठ मे फाइल किया किन्तु वहाँ से भी इन्हें अभी राहत नही मिली है तथा साथ ही साथ इनका मैटर आपके यहाँ पेंडिंग होने के नाते प्रदेश सरकार भी मानदेय बढ़ाने से इनकार कर चुकी है किन्तु इनसे काम एक पूर्णकालिक शिक्षक की भांति लिया जा रहा है किंतु 105 रूपये दिहाड़ी पर जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है
इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने यह बताया कि आप अधिक से अधिक लोग ब्यक्तिगत रूप से यहाँ पार्टी बनना पड़ेगा तथा सीनियर वकील से ही बहस करवाना पड़ेगा
मित्रो उपरोक्त बातें उन्होंने हमें बताया है किंतु आप लोग भी चाहें तो अपने अपने स्तर से किसी से भी राय ले सकते हैं क्योंकि जो भी करना है वो सबको मिल कर करना है
साथियों अब अवशेष के पास कोई दूसरा रास्ता नही बचा है आप लोग एक बार और कमर कस लीजिये जो भाग्य मे होगा वही मिलेगा क्योकि संगठन के लोग डेट डेट का खेल लम्बा खेलना चाहते हैं जिसको सिर्फ अवशेष ही ब्यक्तिगत रूप से पार्टी बन कर रोक सकते हैं । साथियो हम लोग जब भी कोई कार्य योजना बनाते हैं तो बात आती है चंदे की और मामला वही बिगड़ जाता है क्योंकि किसी को किसी पर विश्वास रह ही नही गया है इसलिए हर जनपद से सक्रीय साथी स्वयं ही सुप्रीम कोर्ट चल कर सीनियर वकील से बात करें और पैसा भी ब्यक्तिगत खर्च करें
एक बात और जो भी जनपद आगे आकर इसका प्रतिनिधित्व करना चाहता हो तो पूरी निष्ठा एवं लगन से मेहनत करे हम लोग पिक्षली समस्त बातों को भूल कर उसका संपूर्ण सहयोग करेंगे
अवशेष साथियो आप सभी लोगो के दिमाग मे एक जरुरी सूचना डालना चाहते हैं आप लोग ये जान लीजिए कि सर्व शिक्षा अभियान की समाप्ति सन 2017 मे हो रही है तथा आगामी 10 मार्च को पैब (* PROJECT APPROVAL BOARD *) की बैठक है जिसमे सर्व शिक्षा के समापन एवं नई शिक्षा नीति के बारे मे आवश्यक कार्यवाही की जानी है अतः हम सभी के पद सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ही हैं और हम लोग सुप्रीम कोर्ट मे याची भी नही रहेंगे तो हमारे साथ आने वाले समय मे और भी गलत हो सकता है इसलिए शतर्क रहें सावधान रहें समय से याची जरूर बनें
हम यहाँ एक बात और स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि ऐसे लोग इस रिट से कोशो दूर रहें जो अब भी शाही और गाज़ी के भक्त बने हुए हों क्योकि इन्ही लोगों के कारण हम लोगो का ये हाल हुआ है
इसलिए जल्द ही एक मीटिंग आहूत कर अविलम्ब कायवाही किया जाना चाहिए
जय अवशेष शिक्षा मित्र -------
सुधाकर सिंह मनीष सिंह मनेंद्र सिंह
संतोष यादव डिंपू सिंह अवधेश सिंह हनुमान राय नूतन सिंह शब्बीर अहमद
* सहयोगी साथी - वाराणसी टीम , जौनपुर टीम ,मुज़फ्फर नगर टीम फतेहपुर टीम कानपूर टीम और लखनऊ से उमेश पांडेय जी
- Blog editor : सुनवाई न होने से याचियों का कोई नुकसान नही हुआ बल्कि भविष्य में लाभ ही छुपा है
- न्यायिक व्यवस्था पर प्रश्न उठना लाजमी है वो भी सुनवाई करने से इस तरह से इनकार कर देना वाकई आम पीड़ित के लिए एक चिंता का विषय: हिमांशु राणा
- नए विग्यापन पर भर्ती के लिए डाली गई हमारी परमादेश पर सुनवाई 28 फरबरी को
- कई बार केस की सुनवाई के लिये पर्याप्त समय होने के बाद भी न्यायाधीश सुनवाई में रुचि क्यूँ नहीं लेते?? इतना तय है कि नई सरकार समाजवादियो़ की नहीं होगी
- परिस्थितियां इसलिए कठिन नही कि एक डेट का बोझिल इंतजार हमारे हिस्से आया बल्कि..................
- सुप्रीम कोर्ट में केस के पूरा दिन लगने के बाद भी सुनवाई का ना होना निराशाजनक अवश्य था किंतु कुछ भी आपके विरुद्ध नही : मयंक तिवारी
- सातवें वेतन आयोग की सिफारिश : ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख तक करने के प्रस्ताव पर सभी सहमत
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines