मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को टीईटी के सम्बंध मे जारी किया एक और पत्र

मित्रो पूर्व मे उत्तराखंड के शिक्षा मित्रों के लिए 14 फरवरी 2014 को एक पत्र टीईटी छूट के सम्बन्ध में जारी किया गया था जिसमें स्पष्ट लिखा था कि यदि शिक्षामित्र/अनट्रेंड टीचर 25 अगस्त 2010 से पूर्व में लगे हैं तो उन पर टीईटी लागू नहीं है!
इसी के परिपेक्ष में एक पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव नितीश्वर कुमार जी द्वारा यूपी के शिक्षामित्रो को tet से छूट  दिये जाने के सम्बन्ध में NCTE को जो पत्र भेजा गया था उसके जवाब में  राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब भेजा गया कि यदि अनट्रेंड टीचर 25 अगस्त 2010 से पूर्व में लगे हैं तो उन पर tet लागू नहीं है लेकिन उत्तर प्रदेश को भेजे गए पत्र में शिक्षामित्र शब्द उल्लेखित नहीं था! जिस कारण राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की कानपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट मे गुमराह करके विरोध मे जबाब पेश किया गया था! जिससे  शिक्षामित्र समायोजन रद्द हो गया था! इसी परिपेक्ष में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव आलोक रंजन जी द्वारा पुनः टीईटी छूट के संबंध में एक पत्र केन्द्रीय सरकार को प्रेषित किया गया था! जिसपर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा पुनः उसका जवाब देते हुए अनट्रेंड टीचर के साथ साथ उसमे शिक्षामित्र शब्द को भी जोड दिया था! मित्रो प्रदेश के 172000 शिक्षामित्र 25 अगस्त 2010 से पूर्व से कार्यरत अनट्रेंड टीचर की श्रेणी में आते हैं! इसलिये ही उन्हे दो बर्षीय दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण भी दिया गया है! इसलिए उन पर टीईटी लागू नहीं होती है! जिसपर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की चेयरमैन/सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय श्रीमती रीना रे के द्वारा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जो पत्र उत्तर प्रदेश के लिए जारी किया गया था! उनमे उल्लेखित कमियों को दूर करने के लिये मौजूदा चेयरमैन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक पत्र राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् मेंबर सेक्रेटरी को लिखा जिसमें स्पष्ट कहा गया कि उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रो के लिए भेजे गए पत्रों में जो भिन्नता है उसको सही कर दूसरा पत्र जारी करें!परंतु अभी तक राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा उस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया! जिस पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद को मजबूरन जैसा कि उसके द्वारा उत्तराखंड के लिए स्पष्ट रूप से वहां कार्यरत शिक्षामित्रों के लिए टीईटी से छूट का उल्लेखित किया गया है वैसा ही उत्तर प्रदेश के लिए भी स्पष्ट रुप उल्लेखित किया जाए! आप सभी लोग विश्वास रखे कि संघ शिक्षामित्रो का भविष्य बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है!

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