latest updates

latest updates

UP में मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन जारी, कल होगी घोषणा

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर तो चुप्पी है, लेकिन यह तय है कि नए मुख्यमंत्री को 2019 के मापदंड पर खरा उतरना होगा।
यानी उनमें यह प्रशासनिक क्षमता होनी चाहिए कि अगले दो साल में वह केंद्र के ताल से ताल मिलाकर प्रदेश को आगे बढ़ा सकें और बात व्यवहार में इतना संयमित हों कि हर तबके का भरोसा जीत सकें। केंद्रीय नेतृत्व इन मानकों पर सौ फीसद खरे व्यक्ति के हाथ ही राज्यों की कमान देना चाहता है। यही कारण है कि फैसले मे देर हो रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जीत की बधाई दी।
पिछले दो दिनों में अलग-अलग स्तर पर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। खुद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह नतीजा आने से एक दिन पहले संघ के शीर्ष पदाधिकारियों से भी मशविरा कर चुके हैं। अब तक कोई अंतिम राय नहीं बनी है। पर्यवेक्षकों को भी विधायक दल की बैठक की तिथि का इंतजार है। सूत्र बताते हैं कि अध्यक्ष अमित शाह विधायक दल की बैठक से पहले ही सटीक नाम पर मन बना लाने चाहते हैं। फामरूला लगभग तय है। जाति धर्म की बाड़ चुनाव में टूट चुकी है। लिहाजा मुख्यमंत्री के चयन का आधार केवल जाति नहीं होगा। पहली शर्त होगी प्रशासनिक कुशलता। दरअसल गोवा में मनोहर र्पीकर की जगह लक्ष्मीकांत पारसेकर को मुख्यमंत्री बनाना पार्टी को रास नहीं आया। उप्र बड़ा राज्य है और गोवा के मुकाबले विपक्ष में मायावती, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव जैसे बड़े चेहरे हैं। विधानसभा चुनाव नतीजे की बाढ़ में सपा और बसपा जिस तरह बह गई हैं, उसके बाद इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि लोकसभा में दोनों एक-दूसरे का सहारा लेकर खड़े हों। ऐसे में नए मुख्यमंत्री में यह क्षमता जरूरी है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए वादों पर प्रामाणिकता के साथ काम करें।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

latest updates