shiksha mitra decision : देश के सर्वोच्च न्यायलय के फैसले द्वारा उत्तर प्रदेश शिक्षामित्रों का इंतजार जल्द खत्म होने जा रहा है। अगस्त माह के आखिर तक shikshamitra का supreme court की तरफ से अंतिम फैसला आ जाएगा।
फैसले वाले दिन शिक्षा मित्रों को नहीं आने दिया जायेगा। और फैसला आने से दो दिन पूर्व शिक्षा मित्रों को जानकारी हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रूपेंद्र सिंह सोढ़ी और अन्य अधिवक्ताओं का भी कहना है की जुलाई ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई फैसला नहीं सुनाया जायेगा। शिक्षा मित्रों का फैसला 24 अगस्त को आने की सम्भावना है।
पक्ष में आने की उम्मीद
शिक्षामित्रों का सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला अगस्त के प्रथम सप्ताह में आ सकता है। माना जा रहा है की प्रदेश में लाखों की संख्या में शिक्षा मित्र अपने भविष्य का फैसला सुनने इन्तजार कर रहे हैं। कोर्ट का फैसला शिक्षा मित्रों के पक्ष में आने की उम्मीद हैं।
जैसा की आपको मालूम है उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की याचिका पर जस्टिस रोहिंग्टन नरीमन ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था क्योंकि वे केस में पैरवी कर चुके थे। मामले पर अंतिम फैसले को लेकर बहस अगस्त में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अब किसी को अंतरिम राहत नहीं दी जाएगी और केस में अंतिम बहस होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले की अगली सुनवाई के दिन एक भी शिक्षामित्र कोर्ट में नहीं आना चाहिए। यदि एक भी शिक्षामित्र कोर्ट में घुसा तो मामले की सुनवाई नहीं की जाएगी।
कोर्ट के आदेश पर गत वर्ष 1,37,000 शिक्षामित्रों को समायोजित कर उत्तरप्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद पर लिया गया है। शिक्षामित्रों के लिए पेश वकील मीनेश दुबे की दलील है कि जो छात्र TET पास हैं, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चिट्ठियां लिखने से बात नहीं बनेगी। हमें इस मामले में हिंदी और अंग्रेजी में बहुत चिट्ठियां आ रही हैं, लेकिन हमने इन चिट्ठियों के लिए WPB यानी वेस्ट पेपर बास्केट का इंतजाम किया है।
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फैसले वाले दिन शिक्षा मित्रों को नहीं आने दिया जायेगा। और फैसला आने से दो दिन पूर्व शिक्षा मित्रों को जानकारी हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रूपेंद्र सिंह सोढ़ी और अन्य अधिवक्ताओं का भी कहना है की जुलाई ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोई फैसला नहीं सुनाया जायेगा। शिक्षा मित्रों का फैसला 24 अगस्त को आने की सम्भावना है।
पक्ष में आने की उम्मीद
शिक्षामित्रों का सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला अगस्त के प्रथम सप्ताह में आ सकता है। माना जा रहा है की प्रदेश में लाखों की संख्या में शिक्षा मित्र अपने भविष्य का फैसला सुनने इन्तजार कर रहे हैं। कोर्ट का फैसला शिक्षा मित्रों के पक्ष में आने की उम्मीद हैं।
जैसा की आपको मालूम है उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की याचिका पर जस्टिस रोहिंग्टन नरीमन ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था क्योंकि वे केस में पैरवी कर चुके थे। मामले पर अंतिम फैसले को लेकर बहस अगस्त में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अब किसी को अंतरिम राहत नहीं दी जाएगी और केस में अंतिम बहस होगी।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले की अगली सुनवाई के दिन एक भी शिक्षामित्र कोर्ट में नहीं आना चाहिए। यदि एक भी शिक्षामित्र कोर्ट में घुसा तो मामले की सुनवाई नहीं की जाएगी।
कोर्ट के आदेश पर गत वर्ष 1,37,000 शिक्षामित्रों को समायोजित कर उत्तरप्रदेश में प्राथमिक शिक्षक के पद पर लिया गया है। शिक्षामित्रों के लिए पेश वकील मीनेश दुबे की दलील है कि जो छात्र TET पास हैं, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चिट्ठियां लिखने से बात नहीं बनेगी। हमें इस मामले में हिंदी और अंग्रेजी में बहुत चिट्ठियां आ रही हैं, लेकिन हमने इन चिट्ठियों के लिए WPB यानी वेस्ट पेपर बास्केट का इंतजाम किया है।
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