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भर्तियों की चयन प्रक्रिया में साक्षात्कार का बदला नियम फिर बहाल, सीधी भर्तियों में नियम लाभकारी

इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग की भर्तियों में चुनिंदा लोगों के चयन पर अंकुश लगाने व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए हुई पहल कुछ अंतराल के बाद किनारे कर दी गई है। आयोग के पूर्व अध्यक्ष के निर्णय को बदलने वाला आदेश किनारे करके पुरानी प्रक्रिया को बहाल किया गया है। इसका असर आयोग में होने वाले सभी चयन परिणामों पर पड़ रहा है।
प्रदेश के उच्च स्तरीय पदों पर लोकसेवा आयोग से ही अभ्यर्थियों का चयन होता है। इस प्रक्रिया से गुजरने वाले लगभग हर अभ्यर्थी का साक्षात्कार होता है। आयोग साक्षात्कार के पहले अभ्यर्थी को एक विशेष कोड आवंटित करता है उसके साथ अभ्यर्थी की फोटो चस्पा करके फाइल बोर्ड को जाती है। आयोग के सदस्य डॉ. सुनील कुमार जैन जब यहां के कार्यवाहक अध्यक्ष बने तो उन्हें यह शिकायतें मिलीं कि अभ्यर्थी की फोटो के जरिये चयन में पक्षपात होता है।1 इस पर उन्होंने कार्यालय आदेश जारी किया कि बोर्ड के समक्ष केवल अभ्यर्थी को आवंटित कोड ही जाएगा, फोटो बाहर सुरक्षित रखी जाएगी। यह प्रणाली पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल से चल रही थी। आयोग की कई भर्तियां बदले आदेश पर हुईं लेकिन, बाद में इसे सही नहीं माना गया और डा. जैन के निर्णय को खारिज करके पुरानी व्यवस्था लागू कर दी गई।

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