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बीटीसी धारकों का शिक्षक बनने का रास्ता बंद : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

विशिष्ट बीटीसी धारकों का शिक्षक बनने का रास्ता बंद
बोंगरिया (आजमगढ़) : व्यवस्था चाहे केंद्र ने दी या प्रदेश सरकार ने। नियम चाहे शिक्षा अधिकार अधिनियम के चलते बने हो चाहे किसी और कारण से लेकिन प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षक बनाने का विशिष्ट बीटीसी का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। दूसरी तरफ संकट निवारण के लिए कुछ समय के लिए पिछले दरवाजे से आए शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक बनाने का रास्ता साफ कर दिया है।
इस पर बीएड डिग्रीधारी व शिक्षाविद् तरह-तरह के सवाल उठा रहें हैं। उनका कहना है कि इस व्यवस्था से प्रशिक्षित स्नातकों का तिरस्कार हो रहा है और पीछे के दरवाजे से आए लोगों को पुरस्कार मिल रहा है। प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों पर प्रदेश सरकार ने 1999 में बीएड डिग्रीधारी स्नातकों को विशेष प्रशिक्षण देकर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक के रूप में तैनाती देना शुरू किया था। इसी बीच इंटर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को निश्चित मानदेय पर शिक्षामित्र बना कर स्कूलों में तैनात कर दिया गया। इधर केन्द्र ने स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति के लिए अर्हता परीक्षा टीईटी लागू की और अर्हता प्रशिक्षित स्नातक कर दी तो शिक्षामित्र अर्हता के मानकों से बाहर होने की स्थिति में आ गए। शासन ने फैसला लिया और उन्हें स्नातक कराने के बाद छह माह का प्रशिक्षण देकर स्थायी शिक्षक बनाने का रास्ता साफ कर दिया।
शिक्षा मित्रों की स्थिति नियुक्तियों की शुरूआत
2009 मे पहले चरण में शिक्षक बने: 17,000
दूसरे चरण में शिक्षक बने: 58,000
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बीएड की स्थिति
बीएड बेरोजगार: लगभग 2.5 लाख
बीएड की कुल सीटें: 1.32 लाख
शिक्षकों के खाली पद: 1.10 लाख
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विशिष्ट बीटीसी का खात्मा व टीईटी लागू होना प्रशिक्षित स्नातकों को उपेक्षा का पात्र बना दिया है। बीएड धारकों के लिए रोजगार के अवसर खोले जाने चाहिए।
- हवलदार विश्वकर्मा, बीएड बेरोजगार


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