शिक्षक भर्ती में लगी लाखों डिग्रियां फर्जी : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

पहले होगी जांच, तब दी जाएगी तैनाती
लखनऊ - राजकीय शिक्षक भर्ती में लाखों अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट लगाई है। इसी आशंका के आधार पर निर्णय लिया गया है कि पहले दस्तावेजों की जांच होगी। उसके बाद ही शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी। अधिकारियों को कुल 27 लाख आवेदकों में से 30 फीसदी, यानी आठ लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी होने का अनुमान है।


राजकीय शिक्षकों की 6145 एलटी ग्रेड भर्ती के लिए पिछले साल विज्ञापन निकाला गया था। मंडल स्तर पर होने वाली इन भर्तियों के लिए प्रदेश भर से करीब 27 लाख आवेदन आए थे। भर्तियों के लिए आवेदन मैनुअल किए गए थे। पहले 31 मार्च तक भर्तियां पूरी करनी थीं लेकिन ज्यादा आवेदन आने के कारण उनकी छंटाई में ही काफी वक्त लग गया। उसके बाद बोर्ड परीक्षाएं आ गईं। तब काम ठप हो गया। अप्रैल में फिर काम शुरू हुआ और 30 अप्रैल तक नियुक्ति के आदेश दिए गए। उस तय समय में भर्तियां नहीं हो पाईं। अभी पिछले महीने फिर आदेश दिए गए कि 30 जून तक सभी भर्तियां जरूर पूरी कर ली जाएं। काउंसलिंग काफी पहले हो चुकी है लेकिन नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई।

ओपेन विवि की डिग्रियों पर ज्यादा शक

अधिकारियों का कहना है कि फर्जी डिग्री होने का सबसे ज्यादा शक कई तरह के ओपेन विश्वविद्यालयों की डिग्रियों पर है। दूसरे प्रांतों के ओपेन विश्वविद्यालयों की डिग्रियां अभ्यर्थियों ने लगाई हैं। वहां से दस्तावेजों की जांच में वक्त भी लग रहा है। यही वजह है कि भर्तियां लटक रही हैं।
बिना शिक्षकों के ही खुलेंगे राजकीय स्कूल

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 1247 नए राजकीय हाईस्कूल खुल चुके हैं। इनमें करीब 8729 शिक्षकों की जरूरत है लेकिन अभी तक कोई तैनाती नहीं हो पाई है। इन 6145 शिक्षकों की भर्ती से काफी उम्मीद है। लेकिन अब जिस तरह भर्तियां लेट हो रही हैं, उससे साफ है कि इस जुलाई में भी बिना शिक्षकों के ही राजकीय हाईस्कूल खुलेंगे।

एमएससी बॉटनी, नहीं लिख पाए स्पेलिंग

जब संयुक्त शिक्षा निदेशकों को शक हुआ कि तो उन्होंने काउंसलिंग के दौरान अभ्यर्थियों से सवाल भी किए। एमएससी बॉटनी अभ्यर्थी से उसी विषय की स्पेलिंग लिखने को कहा गया। वह बॉटनी की स्पेलिंग नहीं लिख पाए। इसी तरह एमएससी मैथ्स वाले गुणा-भाग ठीक से नहीं कर पाए। तब अधिकारियों का शक और पुख्ता हो गया।

नियुक्ति पत्र देने में अभी कुछ दिन और लगेंगे। एफिडेविट लेकर नियुक्ति पत्र देने को कहा गया था। लेकिन संयुक्त शिक्षा निदेशकों की ओर से यह बात आई कि भारी संख्या में दस्तावेजों पर शक है। यही वजह है कि पहले जांच कराई जा रही है।

-जितेंद्र कुमार, प्रमुख सचिव

माध्यमिक शिक्षा

पहले जांच पर अड़े जेडी

पिछले दिनों शासन के आला अधिकारियों ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों की बैठक बुलाई। बैठक में संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने यह मुद्दा उठाया कि अभ्यर्थियों की डिग्रियों पर शक हो रहा है। फिर भी उनसे कहा गया कि एफिडेविट लेकर तैनाती दे दी जाए और बाद में दस्तावेजों की जांच करा ली जाए। संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने बताया कि 30 फीसदी के करीब अभ्यर्थियों के दस्तावेजों पर शक है। नियुक्ति पत्र देने के बाद मुकदमा कराने के बाद कोर्ट में लंबे समय तक केस चलता रहता है। इस पर शासन के अफसर भी सहमत हो गए और कहा कि जिन पर शक है, उनकी जांच जरूर करा ली जाए। संयुक्त शिक्षा निदेशकों ने अभ्यर्थियों के दस्तावेज संबंधित विश्वविद्यालयों में जांच के लिए भेजे हैं।
http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details