मित्रो टेट वेटेज पर एक महत्व पूर्ण ध्यान देने वाली बात ये है की
इसके द्वारा संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 (आर्टिकल 14 एवं 16 ) का उल्लंघन
होता है । मतलब समानता एवं नौकरी के समान अवसरों का उल्लंघन होता है , यू
पी टी ई टी 2011 , 2013 व सी टी ई टी के अंको के अंको की तुलना नहीं की जा
सकती ,
एक परीक्षा का स्टेंडर्ड दुसरी परीक्षा से भिन्न है ।
एक परीक्षा में बहुत कम कैंडिडेट पास होते हैं तो दूसरे में बहुत ज्यादा
29334 जूनियर भर्ती में टेट वेटेज नहीं ली गई तो यह एक बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है , के वी एस , एन वी एस , डी एस एस एस बी , बी टी सी आदि की भर्तियों में भी टेट वेटेज नहीं ली गई है
यू पी टेट 2011 के माध्यम से 72825 शिक्षको की भर्ती का मसला अलग था , क्यूंकि सभी कैंडिडेट्स को एक ही परीक्षा से गुजरना था , तो इसमें समानता के नियम का कहीं होता ।
अदालत के लगभग सभी निर्णयो में टेट परीक्षा की उत्तीर्णता की बाध्यता तो बताई गई है , लेकिन शायद ही किसी ऑर्डर में टेट मार्क्स वेटेज के साथ सलेक्शन के लिए बोला हो ।
तमाम ऑर्डर देख लीजिये जिसमे मृतक आश्रित कोर्ट गए तो उनको सिर्फ टेट पास होने पर राहत प्रदान करने को बोला , अगर किसी चयन प्रक्रिया में टेट से होना है तो वेटेज का अधिकार राज्य सरकार / नियोक्ता के पास है । कभी ये सुनने में नहीं आया की मृतक आश्रित को एक निश्चित टेट मार्क्स होने पर नियुक्ति दी जाएगी ।
हिंदुस्तान में लगभग सभी राज्यों में टेट मार्क्स वेटेज का कोई यूनिफॉर्म फार्मूला ही नहीं है , किसी राज्य में 20 %, किसी में 30 % तो किसी में टेट मार्क्स के 50 % का वेटेज सेलेक्शन में लिया
महत्वपूर्ण बात ये है कि जूनियर भर्ती मोर्चा अदालत में अपना पक्ष सही से रखे , अब जूनियर विद्यालयों में कई लोग नियुक्ति पा चुके हैं , और ऐसे मोड़
पर अब संकट नहीं होना चाहिए ।
अगर टेट मार्क्स का 1 % वेटेज चयन में लेते हैं तो कितना फर्क पड़ता भर्ती पर और अगर अभ्यर्थीयों के समान अकेड मार्क्स व ज्यादा टेट मार्क्स होने पर
ज्यादा टेट मार्क्स वाले को वरीयता दे दी जाती तो चयन प्रक्रिया पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता और तब भी वही रहती ।
भविष्य के लिए कोई ऐसी नीति बने जो सबको सामान अवसर प्रदान करे और किसी का अचानक अहित न हो ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक परीक्षा का स्टेंडर्ड दुसरी परीक्षा से भिन्न है ।
एक परीक्षा में बहुत कम कैंडिडेट पास होते हैं तो दूसरे में बहुत ज्यादा
29334 जूनियर भर्ती में टेट वेटेज नहीं ली गई तो यह एक बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है , के वी एस , एन वी एस , डी एस एस एस बी , बी टी सी आदि की भर्तियों में भी टेट वेटेज नहीं ली गई है
यू पी टेट 2011 के माध्यम से 72825 शिक्षको की भर्ती का मसला अलग था , क्यूंकि सभी कैंडिडेट्स को एक ही परीक्षा से गुजरना था , तो इसमें समानता के नियम का कहीं होता ।
अदालत के लगभग सभी निर्णयो में टेट परीक्षा की उत्तीर्णता की बाध्यता तो बताई गई है , लेकिन शायद ही किसी ऑर्डर में टेट मार्क्स वेटेज के साथ सलेक्शन के लिए बोला हो ।
तमाम ऑर्डर देख लीजिये जिसमे मृतक आश्रित कोर्ट गए तो उनको सिर्फ टेट पास होने पर राहत प्रदान करने को बोला , अगर किसी चयन प्रक्रिया में टेट से होना है तो वेटेज का अधिकार राज्य सरकार / नियोक्ता के पास है । कभी ये सुनने में नहीं आया की मृतक आश्रित को एक निश्चित टेट मार्क्स होने पर नियुक्ति दी जाएगी ।
हिंदुस्तान में लगभग सभी राज्यों में टेट मार्क्स वेटेज का कोई यूनिफॉर्म फार्मूला ही नहीं है , किसी राज्य में 20 %, किसी में 30 % तो किसी में टेट मार्क्स के 50 % का वेटेज सेलेक्शन में लिया
महत्वपूर्ण बात ये है कि जूनियर भर्ती मोर्चा अदालत में अपना पक्ष सही से रखे , अब जूनियर विद्यालयों में कई लोग नियुक्ति पा चुके हैं , और ऐसे मोड़
पर अब संकट नहीं होना चाहिए ।
अगर टेट मार्क्स का 1 % वेटेज चयन में लेते हैं तो कितना फर्क पड़ता भर्ती पर और अगर अभ्यर्थीयों के समान अकेड मार्क्स व ज्यादा टेट मार्क्स होने पर
ज्यादा टेट मार्क्स वाले को वरीयता दे दी जाती तो चयन प्रक्रिया पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता और तब भी वही रहती ।
भविष्य के लिए कोई ऐसी नीति बने जो सबको सामान अवसर प्रदान करे और किसी का अचानक अहित न हो ।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC