बुलंदशहर. यूपी में शिक्षा के हाल
का जीता जागता उदाहरण है बुलंदशहर का प्राइमरी स्कूल। डीएम बी चंद्रकला
मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूल पहुंचीं। यहां उन्होंने
एजुकेशन क्वालिटी चेक किया तो पता चला कि पांचवी क्लास के छात्रों को तो
मौसम, जमीन और पहाड़ की पहचान तक नहीं मालूम है।
मैडम ने बच्चों से पूछा मौसम क्या होता है, पहाड़ किसे कहते हैं, द्वीप क्या है? कुछ नहीं तो हिमालय, पठार और मरुस्थल के बारे में बता दीजिए। डीएम साहिबा द्वारा पूछे गए इन सभी सवालों पर बच्चों ने चुप्पी साध ली। किसी ने एक भी सवाल का भी जवाब नहीं दिया।
डीएम चंद्रकला एजुकेशन क्वालिटी चेक के लिए अचानक लखावटी के प्राइमरी स्कूल पहुंची। यहां उन्होंने पांचवी क्लास के बच्चों का टेस्ट लेने के साथ-साथ अटेन्डेंस रजिस्टर चेक किया। बच्चों द्वारा किसी भी जवाब का सवाल नहीं मिलने पर जब डीएम ने टीचर से इसका कारण पूछा तो उन्होंने अनोखा ही बहाना बताया। टीचर का कहना है कि उनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव की तैयारियों में लगा दी गई है। इस कारण वह बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मास्टर जी राशन कार्ड बनाने से लेकर मिड डे मील का काम बाखूबी करते हैं। क्योंकि इसमें उनका स्वार्थ छिपा होता है। जहां तक बच्चों को पढ़ाने की बात है तो विभाग हर महीने मास्टर जी के खाते में सैलरी भेज देता है फिर चाहें वो पढ़ाए या न पढ़ाएं। आपको बता दें, बुलंदशहर में बीएसए के भ्रष्टाचार से पूरे विभाग का ढर्रा कई सालों से पटरी से उतर चुका है। हाल ही में शासन ने भ्रष्ट बीएसए को सस्पेंड कर जिला वासियों को काफी राहत दिलाई थी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मैडम ने बच्चों से पूछा मौसम क्या होता है, पहाड़ किसे कहते हैं, द्वीप क्या है? कुछ नहीं तो हिमालय, पठार और मरुस्थल के बारे में बता दीजिए। डीएम साहिबा द्वारा पूछे गए इन सभी सवालों पर बच्चों ने चुप्पी साध ली। किसी ने एक भी सवाल का भी जवाब नहीं दिया।
डीएम चंद्रकला एजुकेशन क्वालिटी चेक के लिए अचानक लखावटी के प्राइमरी स्कूल पहुंची। यहां उन्होंने पांचवी क्लास के बच्चों का टेस्ट लेने के साथ-साथ अटेन्डेंस रजिस्टर चेक किया। बच्चों द्वारा किसी भी जवाब का सवाल नहीं मिलने पर जब डीएम ने टीचर से इसका कारण पूछा तो उन्होंने अनोखा ही बहाना बताया। टीचर का कहना है कि उनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव की तैयारियों में लगा दी गई है। इस कारण वह बच्चों को समय नहीं दे पा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मास्टर जी राशन कार्ड बनाने से लेकर मिड डे मील का काम बाखूबी करते हैं। क्योंकि इसमें उनका स्वार्थ छिपा होता है। जहां तक बच्चों को पढ़ाने की बात है तो विभाग हर महीने मास्टर जी के खाते में सैलरी भेज देता है फिर चाहें वो पढ़ाए या न पढ़ाएं। आपको बता दें, बुलंदशहर में बीएसए के भ्रष्टाचार से पूरे विभाग का ढर्रा कई सालों से पटरी से उतर चुका है। हाल ही में शासन ने भ्रष्ट बीएसए को सस्पेंड कर जिला वासियों को काफी राहत दिलाई थी।
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