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टेट मोर्चे में ग्रुप कई पर संघठन एक : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आज टेट मोर्चे की कार्यशैली पे कुछ कहुगा एक आम parshikhu की हैसियत से।।।
आज टेट मोर्चे में कई ग्रुप है। लखनऊ ग्रुप जिसमे गणेश भाई अगुवा है अल्लाहाबाद ग्रुप जिसमे सुजीत भाई है एक जौनपुर आजमगढ़ का ग्रुप है जिसमे निरहुआ जी अनिल वर्मा जी और भी लोग है।।एक समानान्तर सत्ता कुंडू जी भी चलाते है
एक हिमांशु भाई है जो अच्यनियतो की लड़ाई लड़ रहे है।।।।
वाकई में एक बाहरी व्यक्ति द्वारा देखे जाने पे एक शानदार संघठन मालूम देता है।।।।
पर क्या ऐसा है।।। इसको बहुत करीब से देखा है की जब से मामला सुप्रीम कोर्ट गया है तब से यहाँ अनुसासन जैसी कोई चीज नही है।।। आज स्तिथि ये है की लखनऊ टीम अपने लोगो को scert बुला लेती है और अल्लाहाबाद टीम अपने खास लोगो को nidesalye बुला लेती है।।। और आप जानते है इसका सबसे बुरा प्रभाव क्या पड़ रहा है की जिले में जिला इकाई खत्म हो गयी है।। क्योकि 10 में से 4 ब्लाक कार्य बहिस्कार करते है 6 कहते है हमें तो ऊपर से कोई निर्देश ही नही मिला।। अब जिला adyach बेचारा निरीह हो गया है। आप साहब दुसरो की बात करते है अरे भैया उनके यहाँ सिर्फ 2 नेता है और दोनों नेता भले अलग हो लेकिन योजना एक ही रहती है।।। अब हमें तो साहब ये ही नही पता की कार्य बहिस्कार कब करना है scert kab जाना है nidesalye कब जाना है घेराव कब करना है।।। न आपने अब तक संघठन का रजिस्ट्रेशन करवाया न कोई जिला संघठन नामित किया बस आप भागे जा रहे हो मौलिक न्युकति की अंधी दौड़ में।।।अब तक मीडिया के माध्यम से टेट मोर्चे के 4 से 5 adyacho के नाम सुन चूका हु।। न आपका कोई केंद्रीकृत अकाउंट है न आपने सभी के जुड़ाव के लिए कोई सिस्टम बनाया है न आपका कोई एजेंडा है न कोई मोमेरेन्दम है।। अब इतनी चीजे आप लोगों से जो कहे उसे आप ये कह दोगे की पहले न्युकति होने दो ज्यादा बकैती न करो।
अब तक जो मैंने देखा की यहाँ कोई 1 ग्रुप नही रह सकता अरे भाई रहेगा भी क्यों तो ठीक है 2 ग्रुप रहे लेकिन एक सिस्टम तो बनाओ माना आप कोर्ट में बिजी रहते है तो और लोग भी तो है जो इसकी रुपरेखा बना सकते है। अवनीश दादा एक बार प्रस्ताव लाये थे पर सबने ये कहकर चुप करा दिया की अभी सारे लोग यहाँ नही है जबकि सच्चाई है की सारे लोग कभी होंगे भी नही।।। मै बता रहा की बेचारा जिला adyaksh बहुत कंफ्यूज है की नेता किसको माने।।। आप लोगो का ये भी क्लियर नही की भविष्य में प्राथमिक संघ में विलय करोगे की अलग रहोगे पूछने पे आप लोग कहते है अभी चलने दो जैसा चल रहा है। टेट मोर्चे में कभी सामन्जस्य की राजनीती हुआ करती थी जो शायद verligton चौराहे के बाद दफ़न सी हो गयी है।। और उसके लिए प्रयास करने की हिम्मत शायद ही कोई करे।।।
अंत में यही कहुगा की भले एक न हो लेकिन अपना स्वतंत्र् अस्तित्व कुछ इस तरह रखिये की हम आम लोगो को निर्णय लेने में आसानी हो।।
वैसे अब ये रोना कोई न रोये की अभी सुप्रीम कोर्ट में मामला है पहले उसे देखना है।।।। बाकि जिलो को भगवान भरोसे छोरने और एक ही जिले में कई जिला adyach पैदा करने का इल्जाम भी sahayd आप पे ही जायेगा।

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