जूनियर भर्ती में टेट वेटेज अनिवार्य , बचाव का एक ही रास्ता

जूनियर भर्ती में टेट वेटेज अनिवार्य , बचाव का एक ही रास्ता - टेट वेटेज के वी एस , एन वी एस के आधार पर दिया गया , 60 % टेट मार्क्स वालों (टेट अंको के वेटेज ) को भर्ती में सम्मिलित किया गया एन सी टी ई का शुड वेटेज सभी आर टी ई एक्ट के तहत भर्तियों पर बाध्यकारी है और कैंडिडेट्स को पुन : परीक्षा दे कर मार्क्स बढ़ाने का अवसर भी गाइड लाइंस में है । 

इलाहबाद हाई कोर्ट की लार्जर बेंच पहले ही स्पष्ट कर चुकी थी की भर्ती में टेट वेटेज को इग्नोर न किया जाए , पर उसके बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग ने 
स्पष्ट टेट वेटेज नहीं दिया , अब अभ्यर्थीयों को स्वयं लड़ना है कोर्ट में । 

इस गाइड लाइंस का एक ही तोड़ है की भर्ती में वेटेज दिया जाए । 

एन सी टी ई के  वेटेज की कोई परिभाषा नहीं है , और के वी इस , एन वी एस, डी  एस एस एस बी (दिल्ली सब ओर्डिनटे सेलेक्शन बोर्ड ) इत्यादि ने मिनिमम वेटेज अर्थात टेट 60 प्रतिशत अंको वालों को भर्ती में मौका देते हुए नौकरी का अवसर दिया था , और इसी प्रकार का वेटेज बी टी सी और गणित विज्ञानं जूनियर भर्ती में लिया गया । 

टेट परीक्षा में पुन बैठने का कारण -
टेट परीक्षा में पुन बैठ कर आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार सामान्य श्रेणी के टेट अंको को हासिल करने का प्रयास कर सकते हैं ,
कहीं कोई नियोक्ता टेट अंको के आधार पर भी भर्ती कर सकता है , क्यूंकि वेटेज नियोक्ता को डिसाइड /निर्णीत करना है । 

एक और बात ये है की अलग अलग टेट परीक्षाओं की तुलना नहीं की जा सकती - जैसे सी टेट , यू पी टेट 2011 , यू पी टेट 2013 इत्यादि 
कुछ परीक्षाएं सरल स्तर की थी तो कुछ बेहद कठिन 

और पुदुचेरी युनियन टेरिटरी ने केरला टेट , तमिलनाडु टेट व् आंध्र प्रदेश टेट परीक्षाओं के न्यूनतम 60 % को इसी आधार पर बराबरी का दर्ज देते हुए के वी एस, बी टी सी , जूनियर गणित -विज्ञानं  आदि की तरह का वेटेज दिया है ये बातें उठाना बेहद जरूरी हैं, अन्यथा जूनियर भर्ती 100 प्रतिशत खतरे में है 

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