विशिष्ट बीटीसी सत्र 2004, 2007 एवं 2008 व टीईटी के बाद एकेडमिक मेरिट बनी विलन - 15000 BTC PRT Recruitment

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : निजी कालेजों से बीटीसी प्रशिक्षितों की खेप निकलने से पहले ही विशिष्ट बीटीसी धारकों को शिक्षक बनने का मौका नहीं मिल पा रहा है। पहले बीटीसी के सत्र ने उनकी राह लंबे समय तक रोकी, फिर टीईटी अनिवार्य होने पर उसे पास करना जरूरी था और अब एकेडमिक मेरिट शिक्षक बनने के लिए होने वाले चयन में बाधा बनी है। ऐसे में प्रशिक्षित एवं टीईटी पास शिक्षक अलग से रिक्तियां निकालने या फिर हो रही 15 हजार शिक्षकों की भर्ती में दस फीसद सीटें रिजर्व करने की मांग कर रहे हैं।

प्रदेश में सत्र 2004, 2007 एवं 2008 में विशिष्ट बीटीसी करने वाले करीब आठ हजार से अधिक युवा इधर-उधर भटक रहे हैं। इन युवाओं का लेटलतीफ सत्र जब जैसे-तैसे प्रशिक्षण 2011 में पूरा हुआ तो उस समय शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य हो गई। ऐसे में टीईटी की सभी ने नए सिरे से तैयारी की, लिहाजा 2011 में निकली 72825 शिक्षकों की भर्ती में वह आवेदन नहीं कर सके। टीईटी पास होने के बाद से वह शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे थे। हाल में ही 15 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें पुराने प्रशिक्षितों ने आवेदन भी किया है, लेकिन इस समय के युवाओं की एकेडमिक मेरिट के आगे वह कहीं ठहरते नहीं हैं। शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग फिलहाल चल रही है, लेकिन पुराने प्रशिक्षित युवाओं ने यह जान लिया है कि उनका चयन इसमें नहीं हो सकेगा।
इसलिए वह अलग से रिक्तियां निकालने या फिर चालू भर्ती प्रक्रिया में दस फीसद सीटें पुराने प्रशिक्षितों के लिए आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत 2004 में 46847, 2007 में 88 हजार तथा 2008 में 27 हजार शिक्षकों की भर्ती एनसीटीई एवं एससीईआरटी से अनुमति लेकर हुई थी उसमें टीईटी अनिवार्य भी नहीं थी, लेकिन उस समय तक आठ हजार युवाओं का प्रशिक्षण ही पूरा नहीं हो सका था। युवाओं का कहना है कि वर्षो से नौकरी की आस में भटक रहे हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।
विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त, टीईटी पास युवा नहीं बन पाएंगे शिक्षक
अलग रिक्तियां निकालने या 15 हजार भर्ती में सीटें आरक्षित करने की मांगशिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के सामने 2004, 2007 एवं 2008 के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित युवा प्रदर्शन करके यह मांग करेंगे कि उनके लिए अलग से रिक्तियां निकाली जाएं। या फिर मौजूदा भर्ती में ही उन्हें भी शिक्षक बनने का मौका दिया जाए। विशिष्ट बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह इसके लिए अलग से आदेश होना जरूरी है, क्योंकि एकेडमिक मेरिट के आधार पर तो उनका बाहर होना तय है।


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