Breaking Posts

Top Post Ad

स्कूलों को ग्रांट देने की नीति तय करे सरकार : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने सरकार को गैर वित्त पोषित निजी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को ग्रांट इन एड देने की नीति तय करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह 1989 में बनी अपनी नीति की समीक्षा करे तथा अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा का

अधिकार कानून 2009 को लागू करने के लिए प्राइवेट स्कूलों को आर्थिक सहायता, मूलभूत ढांचा उपलब्ध कराने के संबंध में एक पॉलिसी तैयार करे। ग्राम विकास सेवा समिति इलाहाबाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने दिया।

याचिका पर पक्ष रख रहे अधिवक्ता अनिल तिवारी का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 21 ए में शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा दे दिया गया है। इसके अनुसार छह से 14 वर्ष आयु के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दी जानी है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 में लागू किया गया। शिक्षा देने का कार्य सरकारी विद्यालयों के साथ निजी विद्यालय भी कर रहे हैं जिनको सरकार से कोई सहायता नहीं मिलती है।
याची संस्था द्वारा प्राथमिक स्कूल संचालित किया जाता है जिसके लिए उसे सरकार से कोई अनुदान नहीं मिलता है। जून 2014 में केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत याची के विद्यालय का नाम ग्रांट इन एड के लिए स्वीकृत किया था मगर राज्य सरकार ने यह कह कर इनकार कर दिया कि याची विद्यालय वित्त पोषित नहीं है। अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू होने के बाद अब तक राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को मान्यता और वित्तीय सहायता देने के संबंध में कोई नीति तय नहीं की है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को तीन माह के भीतर सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का पालन करने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा, आरटीई लागू करने के लिए निजी विद्यालयों को भी सहायता देना जरूरी

सरकार को तीन माह के भीतर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने का आदेश

http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ 
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Facebook