Breaking Posts

Top Post Ad

यूपी की इन नौकरियों पर बड़ा संकट, हो सकती हैं कैंसिल : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कहते हैं कि सरकारी नौकरी पाना आसान नहीं है, लेकिन एक बार मिल गई तो उसका छिनना उससे भी कठिन है। सियासी भर्तियों और भ्रष्टाचार के बढ़ते फांस ने इस कहावत को झूठा कर दिया है। हजारों युवाओं के सामने अब नौकरी बचाने की चुनौती है।

ज्यादातर भर्तियां तथा परिणाम को न्यायालय में चुनौती दी गई है। चिंताजनक यह कि कुछ लोगों की वजह से ज्यादातर भर्तियों की समीक्षा शुरू हो गई है।
सियासी नफा-नुकसान को ध्यान में रखकर प्राथमिक शिक्षक बनाए गए शिक्षामित्र फिर दोराहे पर हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ग्रुप-सी से असिस्टेंट प्रोफेसर बनाए गए 11 लोगों को हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से पुराने पद पर भेज दिया गया है।
दरोगा और सिपाही भर्ती के परिणाम कई बार संशोधित किए गए। यानी, कई लोग चयन के बाद बाहर हो गए। व्हाइटर के जिन्न की छाया अब भी इन भर्तियों पर मंडरा रही है। यानी, अंतिम रूप से किसका चयन होगा यह कह पाना मुश्किल है।
यही स्थिति टीईटी के आधार पर नौकरी पा चुके प्राथमिक शिक्षकों की है। इसमें भी व्हाइटनर का विवाद गहरा गया है। इसमें जांच तय मानी जा रही है।
लोक सेवा आयोग की कृषि विभाग में तकनीकी सहायक भर्ती भी इसी में से एक है। इसका परिणाम भी घोषित हो चुका है, लेकिन चयनितों में किसे अंतिम रूप से नौकरी मिल पाएगी इस पर कुछ भी कह पाना मुश्किल है। आरक्षण नियमों की अनदेखी की वजह से इसके परिणाम को न्यायालय में चुनौती दी गई है।
यही स्थिति पीसीएस-2015 प्रारंभिक परीक्षा के चयनितों की है। आयोग ने सात सवालों के गलत जवाबों को सही मानकर मूल्यांकन किया है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश पर रिजल्ट बदलने की नौबत आई तो चयनितों की पूरी सूची ही बदल जाएगी। यही स्थिति कई अन्य भर्तियों की भी है।
इतना ही नहीं प्रतियोगियों की सीबीआई जांच की मांग पूरी हो गई तो आयोग की कई भर्तियों के माध्यम से चयनित बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को अफसरी से हाथ धोना पड़ सकता है।


ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Facebook