उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली होने से शिक्षकों के चयन एवं मूल्यांकन का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। अध्यक्ष एवं सदस्यों के पद खाली होने के कारण हाईकोर्ट के
आदेश के बाद भी टीजीटी 2010 के ओएमआर का दोबारा मूल्यांकन कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति न होने से कई अन्य महत्वपूर्ण काम भी अटके हुए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में इस समय दस सदस्यों एवं एक अध्यक्ष के पद में मात्र तीन सदस्य ही काम कर रहे हैं। मानक के विपरीत नियुक्त तीन सदस्यों की नियुक्ति पर कोर्ट ने तीन सदस्यों केकाम पर पहले से ही रोक लगा दी है। सदस्यों के काम पर रोक के साथ ही कोर्ट ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष रहे डॉ. सनिल कुमार की नियुक्ति को मानक के विपरीत होने केकारण निरस्त कर दिया है। चयन बोर्ड में अक्तूबर के बाद से अध्यक्ष-सदस्यों के पद पर असमंजस बना है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2010 में हुई टीजीटी सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे जाने पर हाईकोर्ट विशेषज्ञों की टीम से प्रश्नपत्र का दोबारा मूल्यांकन कराने का आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद टीजीटी-2010 में नौकरी पा चुके अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा मूल्यांकन होने पर आखिर उनकी गलती क्या है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी टीजीटी-2010 सामाजिक विज्ञान का दोबारा मूल्यांकन नहीं
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
आदेश के बाद भी टीजीटी 2010 के ओएमआर का दोबारा मूल्यांकन कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति न होने से कई अन्य महत्वपूर्ण काम भी अटके हुए हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में इस समय दस सदस्यों एवं एक अध्यक्ष के पद में मात्र तीन सदस्य ही काम कर रहे हैं। मानक के विपरीत नियुक्त तीन सदस्यों की नियुक्ति पर कोर्ट ने तीन सदस्यों केकाम पर पहले से ही रोक लगा दी है। सदस्यों के काम पर रोक के साथ ही कोर्ट ने चयन बोर्ड के अध्यक्ष रहे डॉ. सनिल कुमार की नियुक्ति को मानक के विपरीत होने केकारण निरस्त कर दिया है। चयन बोर्ड में अक्तूबर के बाद से अध्यक्ष-सदस्यों के पद पर असमंजस बना है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2010 में हुई टीजीटी सामाजिक विज्ञान की परीक्षा में गलत प्रश्न पूछे जाने पर हाईकोर्ट विशेषज्ञों की टीम से प्रश्नपत्र का दोबारा मूल्यांकन कराने का आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद टीजीटी-2010 में नौकरी पा चुके अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा मूल्यांकन होने पर आखिर उनकी गलती क्या है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी टीजीटी-2010 सामाजिक विज्ञान का दोबारा मूल्यांकन नहीं