आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान में अब घपला
नहीं हो सकेगा। प्रदेश सरकार इनके मानदेय का भुगतान सीधे बैंक खाते में
करने जा रही है।
इससे हर माह निश्चित तारीख को बैंक खाते मेें पैसा पहुंच जाएगा। इस योजना से करीब पौने दो लाख से अधिक कार्यकर्त्रियों को फायदा होगा।
सूबे में अभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं को मानदेय का भुगतान जिला परियोजना अधिकारी करते हैं। इससे पहले निदेशालय से यह पैसा जिलों को भेजा जाता है। कई जिलों से शिकायतें मिलती हैं कि जिला परियोजना अधिकारी मानदेय का भुगतान समय पर नहीं कर रहे। कुछ जगह तो दो-दो महीने मानदेय नहीं मिलता। अधिकारी घपला भी करते हैं। इसी को रोकने के लिए सरकार ने पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिये ऑनलाइन भुगतान करने का निर्णय लिया है। वेब आधारित इस प्रणाली से मुख्यालय स्तर पर निगरानी भी की जा सकेगी।
अन्य योजनाएं भी होंगी शामिल
पहले चरण में पीएफएमएस के बाद अन्य योजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके तहत इंदिरा गांधी मातृत्व योजना व हॉट एंड कुक्ड फूड योजना आदि का पैसा भी इसके जरिये दिया जाएगा।
डाटाबेस हो रहा तैयार
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने ऑनलाइन मानदेय भुगतान के लिए इस समय जिला परियोजना अधिकारियों से कार्यकर्त्रियों-सहायिकाओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए कहा है। इसमें उनके नाम, पदनाम के साथ बैंक खाता संख्या व आईएफएससी कोड एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारियों से अपना डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भुगतान में नहीं होगा घपला सहायिकाओं के लिए भी यही व्यवस्था
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती गन्दे काम -->> Breaking News: सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इससे हर माह निश्चित तारीख को बैंक खाते मेें पैसा पहुंच जाएगा। इस योजना से करीब पौने दो लाख से अधिक कार्यकर्त्रियों को फायदा होगा।
सूबे में अभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों व सहायिकाओं को मानदेय का भुगतान जिला परियोजना अधिकारी करते हैं। इससे पहले निदेशालय से यह पैसा जिलों को भेजा जाता है। कई जिलों से शिकायतें मिलती हैं कि जिला परियोजना अधिकारी मानदेय का भुगतान समय पर नहीं कर रहे। कुछ जगह तो दो-दो महीने मानदेय नहीं मिलता। अधिकारी घपला भी करते हैं। इसी को रोकने के लिए सरकार ने पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिये ऑनलाइन भुगतान करने का निर्णय लिया है। वेब आधारित इस प्रणाली से मुख्यालय स्तर पर निगरानी भी की जा सकेगी।
अन्य योजनाएं भी होंगी शामिल
पहले चरण में पीएफएमएस के बाद अन्य योजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके तहत इंदिरा गांधी मातृत्व योजना व हॉट एंड कुक्ड फूड योजना आदि का पैसा भी इसके जरिये दिया जाएगा।
डाटाबेस हो रहा तैयार
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के निदेशक आनंद कुमार सिंह ने ऑनलाइन मानदेय भुगतान के लिए इस समय जिला परियोजना अधिकारियों से कार्यकर्त्रियों-सहायिकाओं का डाटाबेस तैयार करने के लिए कहा है। इसमें उनके नाम, पदनाम के साथ बैंक खाता संख्या व आईएफएससी कोड एकत्र करने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारियों से अपना डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भुगतान में नहीं होगा घपला सहायिकाओं के लिए भी यही व्यवस्था
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