जिस भावना से याची आए, उसी भावना से न्याय दें : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

आप न्याय देने के लिए चयनित हुए हैं, यह भाव अन्त:करण में भरा रखें और न्याय उपलब्ध कराने के लिए लीक से हटकर विचार करें। जिस भावना से याची अदालत आता है, उसी भावना से उसे न्याय दें। ये बातें राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को राजभवन पहुंचे 161 प्रशिक्षु न्यायिक अधिकारियों से कहीं।
राज्यपाल ने न्यायिक क्षेत्र की स्थितियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि आज की स्थिति की खामियां दूर कर जनता का विश्वास जीतें।
जनतांत्रिक देश में अन्याय के खिलाफ न्यायालय आने वाले व्यक्ति को न्याय देने का प्रयास होना चाहिए।

न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण ले रहे 2013 बैच के इन अधिकारियों को राज्यपाल ने संविधान और उसकी आत्मा की रक्षा करने का मंत्र दिया। कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका भारतीय लोकतंत्र के स्तंभ हैं, यह हमेशा ध्यान रखा जाए। संविधान व संविधान के आधार पर बने कानूनों के ठोस ज्ञान से ही यह संभव होगा।
निष्पक्षता, संतुलन और योग्य समय पर निर्णय देने की क्षमता भी विकसित होगी। 1संविधान के मुताबिक न्याय के लिए ही अधिकारियों को कार्य करना होगा। विधि को परिभाषित करने में शब्दश: उसी भाव का पालन होना चाहिए जो संविधान में निहित है। अन्य न्यायालयों के निर्णय की जानकारी आवश्यक है। निर्णय करने में जल्दबाजी न हो और ज्यादा समय न लगे। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन को संविधान के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।
2013 के न्यायिक अधिकारियों को दिया संविधान की रक्षा का मंत्र

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