कोर्ट मैटर पर पूरी तरह से गम्भीर अन्यथा 12 सितम्बर की पुनरावृति भी हो सकती : UP शिक्षामित्र संघ UPPSMS : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

कोर्ट मैटर पर पूरी तरह से गम्भीर उ0 प्र0 प्रा0 शिमि0 संघ एवं संयुक्त सक्रिय टीम दोनो मिलकर एक साथ प्रयास करें अन्यथा 12 सितम्बर की पुनरावृति भी हो सकती है आओ पहले अपना लक्ष्य हासिल कर ले फिर अपने अपने रास्ते चुन लेंगे एक जाओ साथियों फिर किसी हिमांशु की औकात नही जो हमारी तरफ आंख उठाकर भी देखे.
राकेश मणि सावधान! सावधान!! सावधान!!!
यह एक बहुत ही विषम परिस्थिति है कि जब सभी संगठन व टीमें अचानक उठने वाले इस तूफान से मुकाबले की पूरी तैयारी कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अभी भी एक लुटेरे गैंग(आ०शि०मि०वे०ए०) की तरफ से पोस्ट आ रहा है कि धन की आवश्यकता नहीं है, संगठन के पास पर्याप्त धन है। अरे जब सिर्फ लूट के रखे ही हो, कोर्ट में कभी लड़े नहीं तो धन तो रहेगा ही। जिसने लड़ा, जिसने टाप टेन वकीलों के बड़े पैनल के साथ कोर्ट से स्टे लिया उसके पास तो धन नहीं है।

एक तरफ जहाँ माननीय श्री गाजी इमाम आला जी ऐसे विषम परिस्थिति में सभी संगठनों व टीमों से एकजुट होकर लड़ने का आह्वान कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अभी भी कुछ स्वार्थी और लालची टाइप के नेता एक दूसरे की टाँग खिंचाई में मशगूल हैं। किन्तु यह मत भूलिए कि आप शिक्षामित्र पहले हैं, नेता या संगठन पदाधिकारी उसके बाद हैं। आप इतनी जल्दी १२ सितम्बर का काला दिन कैसे भूल सकते हैं? मुझे तो आश्चर्य हो रहा है।
रही बात शाही जी की तो यदि वो जिम्मेदारी लेते हैं कि हम अकेले इस लड़ाई को जीत लेंगे या किसी धन की आवश्यकता नहीं है तो संगठन का जिम्मेदार प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते हम यह आम समायोजित, गैर समायोजित साथियों पर छोड़ते हैं कि आप लोग अपना फैसला दें कि उ०प्र०प्रा०शि०मि०संघ क्या शाही जी पर भरोसा करते हुए लड़ाई से हाथ पीछे खींच ले? आप लोगों की क्या राय है? लड़ा जाय या शाही जी पर छोड़ दिया जाय?

मित्रों ऐसे विषम परिस्थिति में हम किसी से वाद विवाद या किसी की आलोचना में नहीं फँसना चाहते किन्तु कुछ दूषित मानसिकता के लोग टाँग खिचाई विशेषज्ञ हैं और अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आते। इसलिए आप लोगों की राय लेना आवश्यक हो गया था। ये सिर्फ किसी एक संगठन या टीम की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि कम से कम अपनी नौकरी बचाने की जिम्मेदारी प्रत्येक शिक्षामित्र की है कि जितना भी अधिक से अधिक हो सके सबको प्रेरित करें कि एकजुट होकर लड़ें व सभी लोग सही गलत को पहचानते हुए आर्थिक सहयोग अवश्य करें। क्योंकि यदि इसमें जीतने से चूक गये तो फिर जीवन में कभी जीतने का अवसर नहीं मिलेगा।
दूसरी बात ये कि जो कुछ गिने चुने असमायोजित साथी समयोजन रद्द होने की दुआ कर रहे हैं, उनका भी समायोजन तभी सम्भव है जब समायोजन बचा रहेगा। यदि सुप्रीम कोर्ट से समायोजन को बचाने में हम सफल होंगे तो ही उनका समायोजन हो सकता है, अन्यथा की स्थिति में पूरा जीवन नर्क बन जाएगा, चाहे वो समायोजित हों अथवा गैर समायोजित।
प्रिय मित्रों आप सबकी एकता, समर्थन और हौंसलाअफजायी ही संगठन की शक्ति है, संगठन को जितना ही शक्तिशाली बनाएँगे, जीत का प्रतिशत उतना ही अधिक रहेगा।
इसलिए एक स्वर में बोलिए------
शिक्षामित्र एकता---- जिन्दाबाद
आवाज दो---- हम एक हैं
अभी नहीं तो कभी नहीं।
धन्यवाद
राजीव कुमार गुप्ता
प्रदेस सब कोआर्डिनेटर
उ०प्र०प्रा०शि०मि०संघ, उ०प्र०॥

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