नौकरी के लिए राजधानी में अरसे से धरना-प्रदर्शन कर रहे बीपीएड (बैचलर इन
फिजिकल एजुकेशन) डिग्रीधारकों की मुराद अखिलेश सरकार चुनावी साल में पूरी
कर सकती है। प्रदेश में 100 से कम छात्र संख्या वाले लगभग साढ़े 32 हजार
परिषदीय जूनियर हाईस्कूलों में बीपीएड डिग्रीधारकों को बतौर शारीरिक शिक्षा
अनुदेशक तैनाती देने का प्रस्ताव है।
इन्हें राज्य सरकार अपने खजाने से मानदेय देगी जिस पर सालाना तकरीबन ढाई सौ करोड़ का खर्च अनुमानित है। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
प्रदेश में लगभग 46 हजार परिषदीय जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें से तकरीबन 13600 में 100 से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं।
वहीं लगभग साढ़े 32 हजार जूनियर हाईस्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 100 से कम है। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 100 से अधिक छात्र संख्या वाले परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा और कार्य शिक्षा के लिए एक-एक अंशकालिक अनुदेशक संविदा पर तैनात किये गए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात किये गए इन अंशकालिक अनुदेशकों को 7000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है जिसमें केंद्र और राज्य सरकर की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में होती है। उन्हें प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 11 महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाता है। काम संतोषजनक पाये जाने पर अगले सत्र में उनकी संविदा का नवीनीकरण किया जाता है।
1राज्य सरकार की मंशा है कि खेलों को बढ़ावा देने के मकसद से 100 से कम छात्र संख्या वाले जूनियर हाईस्कूलों में एक-एक शारीरिक शिक्षा अनुदेशक नियुक्त किया जाए। शारीरिक शिक्षा अनुदेशक पद पर बीपीएड डिग्रीधारकों को तैनाती देने का प्रस्ताव है। उन्हें भी 7000 रुपये मासिक मानदेय देने का प्रस्ताव है। बेसिक शिक्षा विभाग के एक उच्च अधिकारी ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इन अनुदेशकों की सेवा शर्तें सर्व शिक्षा अभियान के तहत 100 से ज्यादा छात्र संख्या वाले जूनियर हाईस्कूलों में तैनात शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशकों के समान होंगी।
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अनुदेशक तैनाती देने का प्रस्ताव है।
इन्हें राज्य सरकार अपने खजाने से मानदेय देगी जिस पर सालाना तकरीबन ढाई सौ करोड़ का खर्च अनुमानित है। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
प्रदेश में लगभग 46 हजार परिषदीय जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें से तकरीबन 13600 में 100 से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं।
वहीं लगभग साढ़े 32 हजार जूनियर हाईस्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 100 से कम है। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 100 से अधिक छात्र संख्या वाले परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कला शिक्षा, शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा और कार्य शिक्षा के लिए एक-एक अंशकालिक अनुदेशक संविदा पर तैनात किये गए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत तैनात किये गए इन अंशकालिक अनुदेशकों को 7000 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता है जिसमें केंद्र और राज्य सरकर की हिस्सेदारी 60:40 के अनुपात में होती है। उन्हें प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 11 महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाता है। काम संतोषजनक पाये जाने पर अगले सत्र में उनकी संविदा का नवीनीकरण किया जाता है।
1राज्य सरकार की मंशा है कि खेलों को बढ़ावा देने के मकसद से 100 से कम छात्र संख्या वाले जूनियर हाईस्कूलों में एक-एक शारीरिक शिक्षा अनुदेशक नियुक्त किया जाए। शारीरिक शिक्षा अनुदेशक पद पर बीपीएड डिग्रीधारकों को तैनाती देने का प्रस्ताव है। उन्हें भी 7000 रुपये मासिक मानदेय देने का प्रस्ताव है। बेसिक शिक्षा विभाग के एक उच्च अधिकारी ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इन अनुदेशकों की सेवा शर्तें सर्व शिक्षा अभियान के तहत 100 से ज्यादा छात्र संख्या वाले जूनियर हाईस्कूलों में तैनात शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशकों के समान होंगी।
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