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वेतन न मिलने से अध्यापक की मौत : परिजनों का आरोप तीन माह से नहीं मिल रहा था वेतन इसके चलते थे परेशान : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

नूरपुर : तीन माह का वेतन न मिलने से आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। रविवार को पूरे साल का गेहूं खरीदकर रखने के लिए गांव में उधार न मिलने से वह चिंतित थे।
34 शिक्षकों का रुका है वेतन
फरवरी में तत्कालीन डीएम के निर्देश पर स्कूलों का निरीक्षण हुआ था। निरीक्षण में शैक्षिक गुणवत्ता व अन्य खामियां पाए जाने पर 34 अध्यापकों का वेतन रोकने की कार्रवाई की गई थी।


बीएसए ने लिपिक को हटाया

नूरपुर : धरने के दौरान बीईओ व कार्यालय लिपिक मुकेश कुमार के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई। इस दौरान बीएसए ने लिपिक मुकेश कुमार को खंड कार्यालय से हटाकर बीएसए कार्यालय से अटैच करने के आदेश दिया। साथ ही बीईओ के विरुद्ध भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

नूरपुर : ग्राम ढेला अहीर के प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापक की रविवार रात को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। परिजनों ने अधिकारियों के उत्पीड़न के कारण दिल का दौरा पड़ने का आरोप लगाया है। उनका आरोप था कि तीन माह से वेतन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। इससे गुस्साए शिक्षकों व परिजनों ने शव को बीआरसी कार्यालय पर रखकर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे बीएसए व तहसीलदार ने शिक्षकों को मृतक आश्रित को योग्यतानुसार नौकरी व परिजनों की हरसंभव आर्थिक मदद कराने के आश्वासन दिया तब शिक्षकों का धरना समाप्त हुआ।


नूरपुर थानांतर्गत ग्राम ऊमरी निवासी 56 वर्षीय गजेंद्र सिंह पुत्र भारत सिंह प्राथमिक विद्यालय, ढेला अहीर में प्रधानाध्यापक थे। रविवार रात को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। सोमवार सुबह करीब 10 बजे परिजन व शिक्षक शव लेकर बीआरसी कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के उत्पीड़न के चलते उनकी मौत का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। धरने पर उत्तर प्रदेश पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधीर यादव व जिला महामंत्री दुष्यंत कुमार के साथ बड़ी संख्या शिक्षक-शिक्षिकाएं धरनास्थल पर पहुंचे। मृतक के परिजनों का कहना है कि 10 जनवरी 2016 को एसडीएम चांदपुर ने उनके स्कूल का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान स्कूल में साफ-सफाई न मिलने पर उनका वेतन रोकने की कार्रवाई की गई थी। तीन माह से वेतन न मिलने से वह मानसिक रूप से परेशान थे और इसी कारण उनको दिल का दौरा पड़ा। धरने पर बैठे शिक्षकों ने उच्चाधिकारियों को मौके पर बुलाकर मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने व आश्रित को नौकरी दिए जाने की मांग की। धरने की सूचना पर इंस्पेक्टर गंगासरन व कस्बा इंचार्ज चन्द्रवीर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बीएसए जयकरण यादव, खंड शिक्षाधिकारी विनोद कुमार मेहरा व तहसीलदार चांदपुर रामआसरे वर्मा ने मौके पर पहुंचकर मृतक के परिजनों को सांत्वना दी। इस दौरान शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सुधीर यादव ने उन्हें दस सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। बीएसए ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। शांत शिक्षकों व परिजनों ने धरना समाप्त कर शव को उठाया।

नूरपुर में बीआरसी कार्यालय पर शव रख धरने पर बैठे परिजन व शिक्षक।

परिजनों का आरोप तीन माह से नहीं मिल रहा था वेतन इसके चलते थे परेशान

आर्थिक मदद और आश्रित को नौकरी देने का दिया गया आश्वासनलिपिक मुकेश कुमार को खंड कार्यालय से हटाकर बीएसए कार्यालय से अटैच कर दिया गया है। मामले की जांच कराई जाएगी। जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- जयकरण यादव, बीएसए।

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