पिछले 15 सालों से एक सवाल हर शिक्षामित्र को तीर सा चुभता रहा है।"शिक्षामित्र सरकारी कर्मचारी नहीं एक योजना में लगे कर्मचारी हैं?"आइये इस का जवाब ढूंढते हैं।Appointments of Shiksha Mitras were made in pursuance of the recommendations of Village Education Committees which have a statutory status under the provisions of Section 11 of the Basic Education Act of 1972;
✍अब चयन के बाद हम बोर्ड या परिषद् की बात करते हैं जिस के नियमों को लागू किया गया
परिषद् और एसएसए दोनों की वैधानिक स्थिति सामान है।
ये योजना जिस परियोजना ने चलाई या जिस बोर्ड ने लागू की दोनों की वैधानिक स्थिति सामान है दोनों ही सोसाइटी पंजीकरण एक्ट में पंजीकृत हैं।
●मतलब ये कि शिक्षक और शिक्षामित्र दोनों ही सरकारी कर्मी नहीं हैं। उ प्र बेसिक शिक्षा कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 में स्पष्ट उल्लेखित है। परिषदीय कर्मी को पूर्ण सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त नहीं है।
✍अब बताते हैं अंतर क्या है जिसे सीजे हाई कोर्ट ने भी माना की नियुक्ति 1981 नियमावली के अधीन नहीं हुई।
✍शिक्षक और शिक्षामित्रों में बराबरी का दर्जा कब से मिला ?
इस पर विधिक जानकारी दें
2 जून 2010 को शिक्षामित्र और शिक्षक वैधानिक रूप से सामान हो गए और जनवरी 2011 को अधिनियमित हो गए जिसे सीजे ने इन शब्दों में लिखा:-
it would now be necessary to deal with the regulatory provisions contained, firstly in the NCTE Act and the later enactment of the RTE Act of 2009.
अर्थात ये ज़रूरी होगा शिक्षामित्र एनसीटीई और आरटीई एक्ट के दायरे में लाये जाएँ।
✍कहने की ज़रूरत नहीं इस दायरे में हम 2011 में पूर्णरूपेण आ चुके हैं और अब पूर्ण शिक्षक हैं.
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- अंतर्जनपदीय तबादले में जूनियर नहीं माने जाएंगे शिक्षक
- टीजीटी पीजीटी इंटरव्यू टाइम टेबल: Adv. No. 02/2011 TGT & 03/2011 PGT Time Table
- प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में निर्धारित न्यूनतम मानक के अंतर्गत रिक्त शैक्षिक पदों पर भर्ती के सम्बन्ध में आदेश जारी
✍अब चयन के बाद हम बोर्ड या परिषद् की बात करते हैं जिस के नियमों को लागू किया गया
परिषद् और एसएसए दोनों की वैधानिक स्थिति सामान है।
ये योजना जिस परियोजना ने चलाई या जिस बोर्ड ने लागू की दोनों की वैधानिक स्थिति सामान है दोनों ही सोसाइटी पंजीकरण एक्ट में पंजीकृत हैं।
●मतलब ये कि शिक्षक और शिक्षामित्र दोनों ही सरकारी कर्मी नहीं हैं। उ प्र बेसिक शिक्षा कर्मचारी वर्ग नियमावली 1973 में स्पष्ट उल्लेखित है। परिषदीय कर्मी को पूर्ण सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त नहीं है।
✍अब बताते हैं अंतर क्या है जिसे सीजे हाई कोर्ट ने भी माना की नियुक्ति 1981 नियमावली के अधीन नहीं हुई।
- शिक्षमित्र प्रकरण : शिक्षामित्रों के लिए अगले 6 माह हैं संक्रमण काल
- नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन फिर लटका : बाबुओं की लापरवाही से वेतन बिल नहीं हुए तैयार
- 3 लाख शिक्षकों को अखिलेश सरकार ने दिया ये तोहफा
✍शिक्षक और शिक्षामित्रों में बराबरी का दर्जा कब से मिला ?
इस पर विधिक जानकारी दें
2 जून 2010 को शिक्षामित्र और शिक्षक वैधानिक रूप से सामान हो गए और जनवरी 2011 को अधिनियमित हो गए जिसे सीजे ने इन शब्दों में लिखा:-
it would now be necessary to deal with the regulatory provisions contained, firstly in the NCTE Act and the later enactment of the RTE Act of 2009.
अर्थात ये ज़रूरी होगा शिक्षामित्र एनसीटीई और आरटीई एक्ट के दायरे में लाये जाएँ।
✍कहने की ज़रूरत नहीं इस दायरे में हम 2011 में पूर्णरूपेण आ चुके हैं और अब पूर्ण शिक्षक हैं.
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines