केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 21 फीसदी पद खाली

अमर उजाला ब्यूरो, इलाहाबाद देश भर में फैले 1100 से अधिक केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के 21 फीसदी से अधिक पद खाली हैं। क्रेंदीय विद्यालयों में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक तक शिक्षकों के कुल 41,149 पद स्वीकृत हैं, इसमें 32,370 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं। 8,779 शिक्षकों के पद खाली हैं।
शिक्षकों के पद खाली होने से केंद्रीय विद्यालयों में संविदा शिक्षक के जरिए पढ़ाई चल रही है।

केद्रीय एवं प्रादेशिक बोर्ड से जुड़े विद्यालयों में शिक्षकों की समस्या कोई नई नहीं है। प्राथमिक, माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा सहित तकनीकी एवं मेडिकल सेवा से जुड़े शिक्षण संस्थानों में भी शिक्षकों की समस्या बनी हुई है। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम जी दुबे की ओर से केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों के बारे में केंद्रीय विद्यालय संगठन से मांगी गई जानकारी के मुताबिक केंद्रीय विद्यालयों में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक के शिक्षकों के कुल 41149 पद स्वीकृत हैं। इसमें 32370 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत हैं शेष 8779 पद खाली हैं। इस प्रकार कुल पदों के 21 फीसदी पद खाली हैं।

केंद्रीय विद्यालय संगठन, केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन हैस जो केंद्रीय विद्यालयों का संचालन करता है।

केवीएस ने आरटीआई के जवाब में बताया कि केंद्रीय विद्यालयों में प्राइमरी के 14,856 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 11849 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं। शेष 3007 पद खाली हैं। केंद्रीय विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के 15,972 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 11,995 पदों पर ही अध्यापकों की नियुक्ति की गई है शेष 3,977 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय विद्यालयों में परास्नातक शिक्षक (पीजीटी) के 10,321 पद स्वीकृत हैं, इन पदों के सापेक्ष 8,526 शिक्षक ही कार्यरत हैं, शेष 1,795 पद खाली हैं। केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े एके पांडेय का कहना है कि खाली पदों को भरने के लिए संगठन प्रयासरत है। केवीएस पर दबाव बनाकर इन पदों को जल्द भरने की कोशिश की जाएगी।
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