मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के सरकारी कर्मचारियों को कई बड़ी सौगातें देने की तैयारी में हैं। 18 जुलाई को प्रस्तावित प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय के लिए वेतन समिति गठित करने और राज्य कर्मचारियों के मौजूदा एचआरए में 20 फीसदी वृद्धि से जुड़े प्रस्तावों पर फैसला हो सकता है।
बेसिक शिक्षा परिषद के सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मियों को न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन की सौगात भी मिल सकती है।
केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय के बाद से ही सूबे के कर्मचारियों की राज्य स्तर पर गठित होने वाली वेतन समिति पर नजरें टिकी हुई हैं। वित्त विभाग ने समिति के गठन का प्रस्ताव अगली कैबिनेट के लिए भेजा है।
सूत्रों ने बताया कि इसमें केंद्र के निर्णय पर सिद्धांत रूप में सहमति, क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर वेतन समिति गठित करने के निर्णय और समिति में चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने की बात शामिल है।
आवास किराये पर पहले ही बन चुकी है सहमति
समिति के लिए अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी जी. पटनायक व आरएम श्रीवास्तव के प्रत्यावेदन पहले से ही विचाराधीन हैं। इसके अलावा मुख्य सचिव वेतन समिति कर्मचारियों के मौजूदा आवास किराया भत्ते में 20 फीसदी वृद्धि पर पहले ही सहमति जता चुकी है।
माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लग जाएगी। इसके साथ ही कर्मचारियों की यह बड़ी मांग पूरी हो जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के प्रस्ताव पर बैठक में मुहर लगेगी या नहीं।
वजह, मुख्य सचिव ने एक दिन पहले ही राज्य कर्मचारियों को इस संबंध में आश्वासन दिया है लेकिन कैबिनेट के प्रस्तावित एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल नहीं है। हालांकि बैठक से पहले तक प्रस्ताव शामिल किए जाते रहे हैं।
इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों से सेवानिवृत्त शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन व पारिवारिक पेंशन दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है।
इसी तरह जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कारों की राशि बढ़ाने, अधीनस्थ लेखा संवर्ग अराजपत्रित की सेवा नियमावली में संशोधन व पीएमएस संवर्ग की वेतन विसंगतियों पर भी फैसला हो सकता है।
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बेसिक शिक्षा परिषद के सेवानिवृत्त शिक्षकों व कर्मियों को न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन की सौगात भी मिल सकती है।
केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्णय के बाद से ही सूबे के कर्मचारियों की राज्य स्तर पर गठित होने वाली वेतन समिति पर नजरें टिकी हुई हैं। वित्त विभाग ने समिति के गठन का प्रस्ताव अगली कैबिनेट के लिए भेजा है।
सूत्रों ने बताया कि इसमें केंद्र के निर्णय पर सिद्धांत रूप में सहमति, क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर वेतन समिति गठित करने के निर्णय और समिति में चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने की बात शामिल है।
आवास किराये पर पहले ही बन चुकी है सहमति
समिति के लिए अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी जी. पटनायक व आरएम श्रीवास्तव के प्रत्यावेदन पहले से ही विचाराधीन हैं। इसके अलावा मुख्य सचिव वेतन समिति कर्मचारियों के मौजूदा आवास किराया भत्ते में 20 फीसदी वृद्धि पर पहले ही सहमति जता चुकी है।
माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लग जाएगी। इसके साथ ही कर्मचारियों की यह बड़ी मांग पूरी हो जाएगी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कर्मचारियों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के प्रस्ताव पर बैठक में मुहर लगेगी या नहीं।
वजह, मुख्य सचिव ने एक दिन पहले ही राज्य कर्मचारियों को इस संबंध में आश्वासन दिया है लेकिन कैबिनेट के प्रस्तावित एजेंडे में यह प्रस्ताव शामिल नहीं है। हालांकि बैठक से पहले तक प्रस्ताव शामिल किए जाते रहे हैं।
इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों से सेवानिवृत्त शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन व पारिवारिक पेंशन दिए जाने संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लग सकती है।
इसी तरह जनेश्वर मिश्र राज्य हथकरघा पुरस्कारों की राशि बढ़ाने, अधीनस्थ लेखा संवर्ग अराजपत्रित की सेवा नियमावली में संशोधन व पीएमएस संवर्ग की वेतन विसंगतियों पर भी फैसला हो सकता है।
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