लरामपुर। स्वस्थ,
शिक्षित समृद्ध एवं अजेय भारत निर्माण में स्ववित्त पोषित प्रबन्धक,
शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। जिसे सभी को स्वीकार करना होगा। उत्तर
प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत में 80 प्रतिशत शिक्षा व्यवस्था निजी
शिक्षण संसथानों के द्वारा ही संचालित की जा रही है। फिर भी जिले के उच्च
पदस्थ शिक्षाधिकारियों द्वारा विद्यालयों के प्रबंधकों का शिक्षण सत्र
आरम्भ होते ही मानक/मान्यता के नाम पर दमनात्मक आर्थिक एवं सामाजिक
उत्पीड़न किया जाता है। जिससे क्षुब्ध स्वावित्त पोषित प्रबंधक, शिक्षक
महासंघ ने प्रदेश के राज्यमंत्री डॉ एसपी यादव के आवास का घेराव कर
प्रदर्शन किया।
सैकड़ो की संख्या में मंत्री
का आवास घेरने प्रबंधक व शिक्षक पहुंचें। मंत्री के आवास के सामने पहुंचते
ही प्रबंधक व शिक्षकों ने शोषण बंद करो के नाम से नारे बाजी शुरू कर दी।
नारेबाजी करते हुए सभी जमीन पर बैठ कर प्रदर्शन किया। कुछ देर बाद आवास से
बाहर सूबे के जन्तु उद्यान व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ एसपी
यादव को स्वावित्त पोषित प्रबंधक शिक्षक महासंघ के बैनर तले पांच सूत्री
ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि, जिले के
शिक्षाधिकारियों द्वारा दमनात्मक/आर्थिक, मानसिक उत्पीड़न बंद किया जाये।
सरकारी कार्यालयों पर मान्यता हेतु पत्रावलियों पर सहानुभूति पूर्वक विचार
करते हुए निस्तारण करानवाया जाये। तो वहीं महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक
अमरेश पाण्डेय ने शिक्षाधिकारियों द्वारा मानक/मान्यता के लिए बेवजह स्कूल
प्रबंधकों को अपमानित व प्रताड़ित किया जाता है। मान्यता देने के लिए
शिक्षाधिारियों द्वारा अवैध धन उगाही की जाती है और धन न देने पर परेशान
किया जाता है।
सूबे के जन्तु उद्यान व
चिकित्सा एव स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ एसपी यादव ने बताया कि, स्वावित्त
पोषित प्रबंधक शिक्षक महासंघ के बैनर तले पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा। जिस पर
मांगो को देखकर त्वरित इनकी समस्याओं को समाधान किया जायेगा। जो भी उचित
होगा इनके लिए किया जायेगा और कोशिश होगी कि, शिक्षाधिकारियों द्वारा इनका
उत्पीड़न व धन उगाही न हो। अगर ऐसा होता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई
की जायेगी।
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