Monday 24 October 2016

मुश्किलें अवश्य है किन्तु विजय श्री सुनिश्चित : बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा

21तारीख से प्रारम्भ हुए अनिश्चित कालीन धरने का कल तीसरा दिन था। माँ गोमती की गोद में बैठे बीएड/टेट पास साथियों में उत्साह, जूनून, ऊर्जा, धैर्य, सहनशक्ति, गंभीरता व् ज्ञानता का अदभुत समागम देखते ही बन रहा था।
आज धरने का चौथा दिन है प्रदेश के कोने-कोने से लखनऊ तक की दूरी तय करके आये ये वही लोग है जो चाहते है कि अब 2011 से 2016 तक चली गयी यात्रा अब सफलता को प्राप्त करके पूरी हो। जो लोग घर पर है एक बार अपनी अंतर आत्मा से प्रश्न अवश्य करें कि क्या आपके घर से लखनऊ तक की दूरी ज्यादा है अथवा 2011 से 2016 व आगे ना जाने कितने माह/वर्ष की दूरी ज्यादा तथा कठिन है...?????
सम्मान व् अधिकार की इस लड़ाई में हमने तो यही सीख है कि "धर्म, न्याय व् स्वाधिकार के लिए दिन भर धरना देना व् रात को ज़मीन पर उम्मीद के साथ सो जाना यह कूलर पंखें ऐसी व् आरामदायक बेड के सुकून से कहीं बेहतर है।"
अंत में इतना ही कहूँगा कि न्याय धर्म के पथ पर मुश्किलें अवश्य है किन्तु विजय श्री सुनिश्चित है। इन्ही शुभ कामनाओं के साथ
आपका मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
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