अखिलेश मुख्यमंत्री पद से दे सकते हैं इस्तीफा ! लग सकता है राष्ट्रपति शासन..
शर्मनाक ----अखिलेश और शिवपाल के बीच हाथापाई, सुरक्षाकर्मियों ने किया अलग...
दरअसल, पार्टी ऑफिस में हुई बैठक में मुलायम सिंह यादव ने पहले अखिलेश यादव को जमकर फटकार लगाई और फिर चाचा से गले भी मिलवाया.लेकिन गले मिलने के कुछ ही देर बाद दोनों मंच पर ही भिड़ गए.
शिवपाल और अखिलेश के बीच बहसबाजी से होते-होते नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने दोनों में बीच-बचाव कराया. इसके बाद अखिलेश बैठक से बाहर निकल गए.
इससे पहले बैठक में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी में तनातनी से आहत हूं. मैंने पार्टी बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया है. हमने लाठियां खाई हैं. आपातकाल के दौरान जेल भी गया हूं. लेकिन जो आज उबल रहे हैं वे एक लाठी झेल नहीं पाएंगे.
उन्होंने कहा, इस वक्त ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं. जो आलोचना सह सकते हैं वही रह सकते हैं. हम कमजोरी दूर करने के बजाय लड़ने लगे.
मुलायम ने अखिलेश को फटकार लगाते हुए कहा, आलोचनाओं से जो बड़ा नहीं सोच सकता वह नेता नहीं बन सकता. पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया.
उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव ने जनता के बीच काफी काम किया है. वह सच्चे मायने में जनता के नेता हैं. उनको सही बात मालूम है. कुछ लोग आलोचनाओं से गुस्से में आ जाते हैं लेकिन उन्हें आलोचनाओं को स्वीकार करना चाहिए.
उन्होंने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को लेकर भी शिवपाल का बचाव किया. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी का परिवार एक सम्मानित परिवार रहा है. ऐसे लोगों को जोड़ने से फायदा होगा.
अमर सिंह का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अमर सिंह मेरा भाई है. उन्होंने कई बार मेरा साथ दिया है. अमर सिंह नहीं बचाते तो मुझे सजा हो जाती.
उन्होंने कहा, मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. और ये मत समझिए कि नौजवान मेरे साथ नहीं हैं. एक इशारे पर नौजवान खड़े हो जाएंगे.
मुलायम ने कहा कि पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्हें बाहर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी टूट नहीं सकती.
इससे पहले बैठक की शुरूआत में बोलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उसके बाद शिवपाल यादव भी भावुक हो गए.
अखिलेश ने बैठक में कहा कि कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं कि मैं नई पार्टी बनाऊंगा लेकिन मैं ऐसा क्यों करूंगा?
अखिलेश ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे पिता हैं. मेरे गुरू हैं. मैं उनके आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. इस पार्टी में मेरा कुछ भी नहीं है. ये पार्टी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की है और मैंने उसे ही आगे बढ़ाया है.
अखिलेश ने कहा, कुछ लोग साजिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा, नेताजी और शिवपाल दोनों से ही बात करना है. मैंने पूरे समय जनता के लिए काम किया. चुनाव में टिकट मैं ही बांटूंगा.
उन्होंने कहा कि नेताजी अगर मुझे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.
बेटे की कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने अलग दल बनाने की बात कही: शिवपाल
बैठक में शिवपाल यादव ने कहा कि पार्टी बनाने में मैंने नेताजी का साथ दिया. पार्टी के लिए मैंने बहुत संघर्ष किया है. मैं साइकिल पर गांव-गांव जाता था. तीन-तीन महीने साइकिल चलाता रहा. गांव-गांव में नेताजी की चिट्ठियां बांटीं.
बोलते-बोलते शिवपाल यादव भी भावुक हो गए. उन्होंने कहा क्या सरकार में मेरा कोई योगदान नहीं है. नेताजी ने मेरे काम को सराहा है. मेरे अधीनस्थ विभाग ने अच्छा काम किया है.
उन्होंने अखिलेश पर सीधा हमला करते हुए कहा कि लेकिन मेरे साथ क्या हुआ? मुझे बाहर निकाल दिया गया.
उन्होंने अखिलेश के नई पार्टी गठन की बात से इनकार करने के की बात पर कहा, मैं बेटे की कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने अलग दल बनाने की बात कही थी.
अमर सिंह पर उंगली उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि कई लोग अमर सिंह के पैरों के धूल के बराबर भी नहीं हैं और नारे लगाने से सरकार नहीं चलेगी.
उन्होंने कहा कि नेताजी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभालनी चाहिए.
वहीं बैठक शुरू होने से पहले पार्टी कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के समर्थकों का जमावड़ा लग गया. इस दौरान समर्थकों में मारपीट भी हुई.
फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज की बैठक में क्या और कड़े फैसले लेते हैं.
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शर्मनाक ----अखिलेश और शिवपाल के बीच हाथापाई, सुरक्षाकर्मियों ने किया अलग...
दरअसल, पार्टी ऑफिस में हुई बैठक में मुलायम सिंह यादव ने पहले अखिलेश यादव को जमकर फटकार लगाई और फिर चाचा से गले भी मिलवाया.लेकिन गले मिलने के कुछ ही देर बाद दोनों मंच पर ही भिड़ गए.
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- शिक्षक बनाम शिक्षामित्र मामले में आया नया मोड़। एक अन्य बेंच में हुई थी 4 अक्टूबर को सुनवाई
शिवपाल और अखिलेश के बीच बहसबाजी से होते-होते नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने दोनों में बीच-बचाव कराया. इसके बाद अखिलेश बैठक से बाहर निकल गए.
इससे पहले बैठक में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कहा कि मैं पार्टी में तनातनी से आहत हूं. मैंने पार्टी बनाने के लिए बहुत संघर्ष किया है. हमने लाठियां खाई हैं. आपातकाल के दौरान जेल भी गया हूं. लेकिन जो आज उबल रहे हैं वे एक लाठी झेल नहीं पाएंगे.
उन्होंने कहा, इस वक्त ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं. जो आलोचना सह सकते हैं वही रह सकते हैं. हम कमजोरी दूर करने के बजाय लड़ने लगे.
मुलायम ने अखिलेश को फटकार लगाते हुए कहा, आलोचनाओं से जो बड़ा नहीं सोच सकता वह नेता नहीं बन सकता. पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया.
उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव ने जनता के बीच काफी काम किया है. वह सच्चे मायने में जनता के नेता हैं. उनको सही बात मालूम है. कुछ लोग आलोचनाओं से गुस्से में आ जाते हैं लेकिन उन्हें आलोचनाओं को स्वीकार करना चाहिए.
उन्होंने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय को लेकर भी शिवपाल का बचाव किया. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी का परिवार एक सम्मानित परिवार रहा है. ऐसे लोगों को जोड़ने से फायदा होगा.
अमर सिंह का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि अमर सिंह मेरा भाई है. उन्होंने कई बार मेरा साथ दिया है. अमर सिंह नहीं बचाते तो मुझे सजा हो जाती.
उन्होंने कहा, मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं. और ये मत समझिए कि नौजवान मेरे साथ नहीं हैं. एक इशारे पर नौजवान खड़े हो जाएंगे.
मुलायम ने कहा कि पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्हें बाहर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कभी टूट नहीं सकती.
इससे पहले बैठक की शुरूआत में बोलते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उसके बाद शिवपाल यादव भी भावुक हो गए.
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अखिलेश ने बैठक में कहा कि कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं कि मैं नई पार्टी बनाऊंगा लेकिन मैं ऐसा क्यों करूंगा?
अखिलेश ने कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे पिता हैं. मेरे गुरू हैं. मैं उनके आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना. इस पार्टी में मेरा कुछ भी नहीं है. ये पार्टी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की है और मैंने उसे ही आगे बढ़ाया है.
अखिलेश ने कहा, कुछ लोग साजिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा, नेताजी और शिवपाल दोनों से ही बात करना है. मैंने पूरे समय जनता के लिए काम किया. चुनाव में टिकट मैं ही बांटूंगा.
उन्होंने कहा कि नेताजी अगर मुझे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.
बेटे की कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने अलग दल बनाने की बात कही: शिवपाल
बैठक में शिवपाल यादव ने कहा कि पार्टी बनाने में मैंने नेताजी का साथ दिया. पार्टी के लिए मैंने बहुत संघर्ष किया है. मैं साइकिल पर गांव-गांव जाता था. तीन-तीन महीने साइकिल चलाता रहा. गांव-गांव में नेताजी की चिट्ठियां बांटीं.
बोलते-बोलते शिवपाल यादव भी भावुक हो गए. उन्होंने कहा क्या सरकार में मेरा कोई योगदान नहीं है. नेताजी ने मेरे काम को सराहा है. मेरे अधीनस्थ विभाग ने अच्छा काम किया है.
उन्होंने अखिलेश पर सीधा हमला करते हुए कहा कि लेकिन मेरे साथ क्या हुआ? मुझे बाहर निकाल दिया गया.
उन्होंने अखिलेश के नई पार्टी गठन की बात से इनकार करने के की बात पर कहा, मैं बेटे की कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने अलग दल बनाने की बात कही थी.
अमर सिंह पर उंगली उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि कई लोग अमर सिंह के पैरों के धूल के बराबर भी नहीं हैं और नारे लगाने से सरकार नहीं चलेगी.
उन्होंने कहा कि नेताजी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभालनी चाहिए.
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फिलहाल सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज की बैठक में क्या और कड़े फैसले लेते हैं.
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