Monday 28 November 2016

शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने 18 शिक्षकों की नौकरी खतरे में

ब्यूरो अमर उजाला/ बस्ती शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बने 18 शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई। इन सभी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों को माध्यमिक बोर्ड ने फर्जी करार दिया है। बीएसए कार्यालय अब इन सभी के विरुद्घ कार्रवाई करने जा रहा है।
कानूनी चपेटों से बचने के लिए विभाग ने इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। अभी तक चार शिक्षक की सुनवाई हो चुकी है। बीएसए मनिराम सिंह ने बताया कि जिन अध्यापकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों को बोर्ड ने फर्जी माना है, उन सभी को पहले बर्खास्त किया जाएगा उसके बाद धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज कराया जाएगा। लेकिन इससे पहले उनका पक्ष सुना जाएगा।
लगभग डेढ़ साल पहले सरकार ने सभी शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक में समायोजित करने का निर्णय लिया था, इसके तहत पूरे प्रदेश में एक लाख 74 हजार से अधिक शिक्षा मित्रों को अन्य अध्यापकों की तरह समायोजित कर दिया गया था। इसमें बस्ती के लगभग तीन हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन हुआ। शासनादेश के तहत इन सभी की नियुक्ति तो कर दी गई, मगर इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच के लिए यूपी बोर्ड सहित अन्य संस्थानों में भेजा। नियमानुसार जिन शिक्षकों को दो सत्यापन आ गया उनका वेतन जारी कर दिया गया, जिनका नहीं आया उनका वेतन रोक दिया गया। जिले के जिन 23 शिक्षकों का वेतन सत्यापन के अभाव में रोका गया, उनमें पांच का हाल ही में सत्यापन हो कर आ गया। अन्य 18 के सत्यापन को अमान्य यानि फर्जी घोषित कर दिया गया। इनमें अधिकतर महिलाएं शिक्षक शामिल हैं।
सत्यापन का सिलसिला पिछले डेढ़ साल से चल रहा है, दो बार विभाग इन लोगो का सत्यापन करा चुका है, और इतनी ही बार शपथ पत्र के साथ पक्ष भी विभाग ले चुका है। बीएसए ने बताया कि इन सभी को कई बार मौका दिया गया। बताया कि कोर्ट भी कहता है कि किसी को बर्खास्त करने से पहले उसे पूरा मौका दिया जाए, इसी क्रम में 18 शिक्षकों को अपना पक्ष रखने और उनकी सुनने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
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