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शिक्षामित्र बना 12 सितंबर वाला पात्र: संघ बुरा या आप ? फ़ैसला आपके हाथ

शिक्षामित्र आज 12 सितंबर वाला पात्र बन गया है । कुछ गलत हो जाए तो अब कोई पछतावा नहीं । जो सहयोग केस के एक माह पहले मिल जाना चाहिए ओ डेट के आने के बाद भी नहीं मिल रहा है । वही गिने चुने लोग बार- बार न्यायिक संघर्ष शुल्क देते हैं बाकी सिर्फ संगठन का मजाक उड़ाते हैं ।
क्यों ? क्योंकि हर बार डेट पड़ने का मजा पा चुके हैं और एक हजार हर तारीख पर न देने का रस ले चुके हैं । जब कहीं कुछ गडबड होने की आशंका होती है या कुछ गडबड होता है तो जैसे कुत्तों के समूह में " खउरहा कुत्ता " आ जाता है और उसे सभी कुत्ते घेरकर भूंकना शुरू कर देते हैं , ठीक वही हाल संघ और शिक्षामित्रों का हो गया है । हर बार तीन वेतन मिलने के बाद ही डेट पड़ता है पर हमारे साथी डेट के आखिरी दिन तक का इंतेजार करते हैं वह भी कुछ लोग ही देते हैं । और हल्ला सब मचाते हैं । पहले आप सभी शिक्षामित्र अपने व्यवहार में परिवर्तन लाइए फ़िर किसी पर उँगली उठाइए ।
संघ भी इंसानों का ही एक समूह है । कोई भगवान नहीं है । गलती किसी से भी हो सकता है । कमियाँ किसी में भी हो सकती हैं । आप कितने सही हैं पहले इसपर विचार कर लें । हम ए जान रहे थे कि 22 फ़रवरी का डेट पड़ा है और इधर दो डेट अलग से पड़ गया । आपको तीन तनख्वाह उठाने की गारंटी मिल चुका है और आपने सहयोग कितना किया और कितना करना है । सब मालूम है । लगभग एक लाख मिलेगा । देना कितना है मात्र एक हजार । लेकिन एक हजार देने में नानी , माई , तीनो त्रिलोक दिखाई दे रहा है । चंदा- चंदा सिर्फ़ हल्ला होता है हर कोई देता नहीं है । एक बार देंगे चार बार सीना ठोकेंगे । कुछ तो वह भी नहीं देते हैं ।
अपने आचरण के अनुरूप एक नेता जी का आज फ़िर एक ऑडियो रिलीज हुआ । नेता जी फ़िर झूठ, फ़रेब, मक्कारी वाला ऑडियो शिक्षामित्रों के बीच लाया और इसमें उन्होंने क्या कहा ? इनके लिए, शिक्षामित्रों के आगे परिवार का कोई महत्व नहीं पर जोर दिया । शिक्षामित्रों की इतनी चापलूसी क्यू भाई ? कौन शख़्स है जिसे परिवार की चिंता नहीं है । हम कमा रहे हैं , नोकरी बचाने के लिए लड़ रहे हैं तो परिवार की बेहतरी के लिए ही । इस पर जरूर विचार करें ।
संघ का एक -एक पहलू पर नजर है । संघ पर दोषारोपड़ करना , गाली देना , चंदाचोरी का इल्जाम लगाना कायरानापूर्ण हरकत है । बाकी आपसब खुद समझदार हैं । अपना अच्छा भला बूरा सब जानते हैं ।
जय शिक्षामित्र
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