ब्यूरो/ लखनऊ नगदी संकट के बीच महीने की पहली तारीख वेतनभोगियों-कामगारों, बैंकों और सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है। यह पहला मौका है जब यूपी समेत पूरे देश के कर्मचारी पूरी सैलरी नहीं निकाल पाएंगे।
दरअसल, कर्मचारियों को सैलरी के रूप में जितनी रकम मिलनी है, आरबीआई ने बैंको को उससे कहीं कम कैश भेजा है। यूपी में सरकारी कर्मचारियों का कुल वेतन तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये है।
आरबीआई ने इसके मुकाबले सिर्फ साढ़े छह सौ करोड़ रुपये कैश भेजा है। यानी 9 हजार 350 करोड़ रुपये कम। इस हालात में कर्मचारियों को बैंकों से सैलरी का पैसा मिल पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।
राजधानी के बैंक के सूत्रों के अनुसार वेतनभोगियों के लिए कैश सप्लाई बढ़ाने पर के लिए बृहस्पतिवार को आरबीआई के साथ बैठक होगी। अधिकारियों का कहना है कि कैश की सप्लाई और डिमांड में बड़ा अंतर है। इसलिए दिक्कत बढ़ने की आशंका है।
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आरबीआई ने इसके मुकाबले सिर्फ साढ़े छह सौ करोड़ रुपये कैश भेजा है। यानी 9 हजार 350 करोड़ रुपये कम। इस हालात में कर्मचारियों को बैंकों से सैलरी का पैसा मिल पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।
राजधानी के बैंक के सूत्रों के अनुसार वेतनभोगियों के लिए कैश सप्लाई बढ़ाने पर के लिए बृहस्पतिवार को आरबीआई के साथ बैठक होगी। अधिकारियों का कहना है कि कैश की सप्लाई और डिमांड में बड़ा अंतर है। इसलिए दिक्कत बढ़ने की आशंका है।
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