टेट मेरिट की वैधता से सम्बंधित 04 प्रश्न अंतिम सुनवाई हेतु : Anil Kundu

72825 में कार्यरत मेरे अजीज शिक्षकों : 22 जनवरी की बारादरी पार्क की लखनऊ मीटिंग का फतवा जारी हो गया है। ऐसी तमाम मीटिंग टेट संघर्ष मोर्चा के विगत 5 वर्षो के इतिहास में एका और पारदर्शिता के नाम पर हुई हैं।
तमाम वित्त कमेटियां और लीगल कमेटियां बनी और 07 फरवरी 2014 की पहली सुनवाई की तारीख के एक दिन पहले तक कोई वकील ये कमेटियां हायर नही कर पायीं।
समय बीतते बीतते कब वित्त कमेटी लीगल कमेटी बनकर वकील भेजेने लगी और लीगल कमेटी कब वित्त कमेटी बनाकर कपिल सिब्बल के नाम पर लाखों की लूट करके केस को संविधान पीठ भिजवाने लगी , इसका भान आम टेट शिक्षक को नहीं हो पाया।
32000 प्रतिमाह का वेतन पा रहा टेट मेरिट से अंतरिम रूप से नियुक्त शिक्षक ना जाने किस मुगालते में जी रहा है। यदि 12 वां संशोधन बनाम 15 संशोधन सुप्रीम कोर्ट में मुद्दा नहीं है तो क्यों 07 जुलाई 2015 की सुनवाई की तारीख पर हमारे ट्रेनी टीचर नियुक्त हो जाने के बावजूद माननीय दीपक मिश्रा जी अन्य राज्य जहाँ टेट मेरिट से नियुक्तियां हुई हैं , उन राज्यो की नियमावलियां 27 जुलाई 2015 की सुनवाई की तारीख पर वाचन हेतु मंगवाई ?07 जुलाई और 27 जुलाई 2015 को शिक्षा मित्र मामला उठ जाने के कारण १२वें और 15 वै संशोधनों का मुद्दा समय के लिए गौड़ हो गया। वही 02 नवम्बर 2015 को जब शिक्षा मित्र मैटर पहली बार अपने केस से डीटैग हुआ तब पुनः माननीय दीपक मिश्र ने टेट मेरिट की वैधता से सम्बंधित 04 प्रश्न अंतिम सुनवाई हेतु बनाये
a) Whether the NCTE Guidelines fixing the minimum qualification are arbitrary and unreasonable? b) Whether the marks obtained in the TET Examination is the sole criterion for filling up the vacancies? c) Whether the High Court is justified in declaring the 15th Amendment brought in on 31.08.2012 to the U.P. Basic Education (Teachers) Service Rules, 1981? d) Assuming, the guidelines framed by the NCTE are treated as intra vires, the will be what interpretation would be placed by the Court on the concept of weightage as mentioned in the guidelines of the NCTE ?
मित्रों माननीय दीपक मिश्रा जी 16 दिसम्बर 2014 को 10000 शिक्षकों की वेटेज द्वारा नियुक्ति का फार्मूला राज्य सरकार को बनाकर 17 दिसम्बर 2014 की सुनवाई में प्रस्तुत करने को कहे थे और पुरे प्रदेश में 3 राउंड की काउंसलिंग करा चुके लोगों और केवल टेट मेरिट से नियुक्ति पा सकने वाले लोगों में हाहाकार मच गया था। उस समय श्रीमती लेखी की कोर्ट में उपस्तिथि ने ncte के वकील और एमिकस क्यूरी अर्थात न्याय मित्र की भूमिका में बोल रहे सॉलिसीटर जनरल श्री रंजीत कुमार को साधा और 17 दिसम्बर को माननीय कोर्ट ने 97 /105 की सीमा तय करते हुए टेट मेरिट पर मुहर लगा दिया।
12 वां संशोधन बनाम 15 वें संशोधन का मुद्दा पुनः सुप्रीम कोर्ट जोर शोर से उठना तय है और अब 72825 के विरुद्ध 100000 वेतन भोगी लोग हैं, जो अपनी जॉब की रक्षा के लिए हिंदुस्तान के बेस्ट वकील खड़ा करेंगे। हमारी विडम्बना यह है कि टॉप 10 के वकील हमारे विरोधी हायर क्र चुके हैं।
22 जनवरी 2017 की मीटिंग उन्हीं लोगों ने काल किया है जो अब तक याची व्यवसाय और जूनियर याची व्यवसाय में लगे थे। अब वहाँ जब धन की कमाई बन्द हो गयी है तो इन्हें 72825 की याद पुनः आयी है।
कपिल सिब्बल और नागेश्वर के नाम पर गाढ़ी लूट कर चुके लोग लगातार सक्रीय साथियों और जिला और ब्लॉक पदाधिकारियो को फोन करके 22 जनवरी की मीटिंग का प्रचार कर रहे हैं।
सभी सम्मानित सक्रिय साथियों ,ब्लॉक एवम जिले के पदाधिकारियों ने नम्र निवेदन है कि सहयोग राशि तो आप अपने क्रेडिट पर आम शिक्षकों से एकत्रित करके इन लूटेरों को भेज देते हैं पर ये कोर्ट में वकील नही भेजकर ,आपकी क्रेडिट और प्रतिष्ठा दोनों को बट्टा लगाते हैं। अतः इनसे सर्तक रहे।
इस तकनीकी युग में जब रिलायंस जिओ मुफ्त में काल और मुफ्त में डेटा दे रहा है तो कोई भी प्रदेश स्तरीय मीटिंग कांफ्रेंस काल और व्हाट्सएप के द्वारा आयोजित की जा सकती है। चुनाव आचार संहिता में सार्वजनिक मीटिंग प्रतिबंधित हैं और 72825 में नियुक्त ब्लॉक ,जिला पदाधिकारी और सक्रीय साथी अब सरकारी कर्मचारी हैं।
मजे की बात यह है कि अशोक खरे साहब अपने वकील होने के पहले सीताराम नामक एक याची के हाईकोर्ट में वकील थे जिसकी रिट में खरे साहब ने यह बहस की थी कि 100 %टेट मेरिट नही बन सकती है , देखे संलग्न स्क्रीन शॉट। इस रिट में श्री खरे ने बहस की थी कि टेट केवल क़्वालिफाइंग एग्जाम है ,जिसे आप स्वयं संलग्न स्क्रीन शॉट में पढ़ सकते हैं।
वहीँ जूनियर के आर्डर के पेज 31 और 32 को गौर से पढ़ेंगे तो श्री खरे साहब ने याची शिव कुमार पाठक की ओर से स्वीकार किया है कि 100 % टेट मेरिट नही बन सकती है। बावजूद इसके अगर ऐसे लोग 72825 के दुबारा रहनुमा बनने को तैयार हैं और 72825 के सक्रिय साथी पढ़े लिखे बौद्धिक वयक्तित्व के मालिक होकर ऐसे धन लोलुप लोगों को अपना स्वर्णिम भविष्य सौपने को तैयार हैं तो इससे बड़ी विडम्बना टेट मेरिट के लिए और कोई नहीं होगी।
याद रखिये हमारा भाग्य हमे माननीय सुशील हरकौली जी ,माननीय अशोक भूषण जी ,माननीय दत्तू जी जैसे जज नही दिलाएगा।

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