दस साल के बाद ही दूसरे जिले में बेसिक शिक्षकों के तबादले, पिछड़े जिले से दूसरे जिले में नहीं भेजे जाएंगे अध्यापक, ट्रांसफर में वरीयता गुणवत्ता अंक के आधार पर

 लखनऊ : तैनाती वाले जिले में 10 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले परिषदीय (बेसिक) शिक्षक ही दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। अंतर जिला तबादले के योग्य पाये गए शिक्षकों का तबादला वरीयता के आधार पर होगा जिसके लिए गुणवत्ता अंक तय किये गए हैं।
शासन स्तर पर यह सहमति बनने के बाद बेसिक शिक्षकों की अंतर जिला स्थानांतरण नीति के मसौदे को मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल को भेजा गया है। मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद तबादला नीति जारी कर दी जाएगी।
शिक्षकों के अंतर जिला तबादले के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को स्थानांतरण नीति का प्रारूप भेजा था। इस प्रारूप में व्यवस्था थी कि तैनाती वाले जिले में न्यूनतम 15 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षक ही एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस समयावधि को घटाकर 10 साल करने पर रजामंदी बनी है। ऐसे शिक्षक जो आवेदन के वर्ष में 31 मार्च तक तैनाती वाले जिले में न्यूनतम 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके हों और इससे पहले कभी अंतर जिला तबादले का लाभ न लिया हो, वे ही एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे।
देना होगा तीन जिलों का विकल्प : अंतर जिला तबादलों के इच्छुक व योग्य अध्यापकों को ऑनलाइन आवेदन कर स्थानांतरण के लिए वरीयता क्रम में तीन जिलों का विकल्प देना होगा। स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों का तबादला उनके अधिमान क्रम में प्रथम विकल्प के तौर पर किया जाएगा। तत्पश्चात उनका स्थानांतरण उनके द्वितीय विकल्प और बाकी बचे अध्यापकों का उनके तीसरे विकल्प के आधार पर किया जाएगा। पिछड़े जिले में तैनात शिक्षक का किसी अन्य जिले में तबादला नहीं किया जाएगा। पिछड़े जिलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए यह प्रावधान किया गया है। ऑनलाइन आवेदन में अंकित तथ्यों का सत्यापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करेगा।
स्थानांतरण के लिए समयावधि तय
अंतर जिला तबादलों के लिए परिषद प्रदेश के दो बहुप्रसारित समाचारपत्रों में विस्तृत समय सारिणी का प्रकाशन कराएगा। तबादलों की प्रक्रिया 15 अप्रैल से शुरू होकर 20 जून तक पूरी कर ली जाएगी। दूसरे जिले में स्थानांतरित शिक्षकों को हर हाल में 10 जुलाई तक कार्यभार ग्रहण करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनका तबादला निरस्त हो जाएगा।
मसौदा
वेबसाइट पर होगा रिक्तियों का ब्योरा
एक से दूसरे जिले में तबादले साल में एक बार ही किये जाएंगे। अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले एक अप्रैल को प्रदेश के सभी जिलों में रिक्तियों का विवरण परिषद मुख्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। इन रिक्तियों में उस वर्ष 31 मार्च तक पदोन्नत, सेवानिवृत्त, नये पद सृजन या आकस्मिक मृत्यु/त्यागपत्र के कारण होने वाली रिक्तियों को शामिल किया जाएगा। जिले की रिक्तियों का ब्योरा उस जिले की एनआइसी की वेबसाइट और सभी जिलों की रिक्तियों का विवरण परिषद की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। इन रिक्तियों में से 20 प्रतिशत की सीमा तक ही अंतर जिला तबादले किये जाएंगे।
ऐसे होगा गुणवत्ता अंक का निर्धारण
सेवा में आने से पहले या बाद में दिव्यांगता के लिए पांच अंक
स्वयं या पति/पत्नी या बच्चे के असाध्य/ गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर पांच अंक
विधवा/परित्यक्ता के लिए पांच अंक
सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए एक अंक (अधिकतम 35 अंक)
सेवाकाल के आधार पर यदि दो शिक्षकों के समान अंक होते हैं और केवल एक का ही तबादला किया जा सकता है तो ऐसी स्थिति में उनमें से अधिक आयु वाले अध्यापक को वरीयता दी जाएगी।

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