स्थानांतरण नीति को लेकर शिक्षकों में उबाल

बिजनौर (ब्यूरो)। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के लिए शासन द्वारा जारी की गई स्थानांतरण नीति का शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने बृहस्पतिवार को बीएसए कार्यालय पर शासन के आदेश की प्रतियां जला कर विरोध जताया और बीएसए को छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

बृहस्पतिवार को आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय प्रभारी सौरभ चौधरी व जिलाध्यक्ष सुधीर चौहान के नेतृत्व में शिक्षक बीएसए कार्यालय पर एकत्रित हुए। यहां पर शिक्षकों ने तबादले के लिए आए आदेश की प्रतियां जला कर स्थानांतरण नीति का विरोध किया। बाद में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल ने बीएसए महेश चंद्र को छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। पत्र में शिक्षकों का तबादला पहले दूसरे ब्लॉक से गृह ब्लॉक में करने, जिला स्तर पर जो तबादला नीति बनाई जाए उसमें संगठन के पदाधिकारियों की राय ली जाए। जून के वेतन ईद से पूर्व करने, सातवें वेतन आयोग के अनुसार तीन महीने के एरियर का भुगतान अविलंब करने, समायोजित शिक्षकों को मकान भत्ते का लाभ देने, असमायोजित शिक्षा मित्रों के मानदेय का भुगतान कराने की मांग की है। इस मौके पर जिला महामंत्री मो. वाईज, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष अंजु सैनी, जयवीर सिंह, नईम अहमद, केशव त्यागी, संजीव राणा, उदयवीर सिंह, नवनीत कुमार, प्रदीप कुमार, रवींद्र कुमार आदि मौजूद रहे।

शिक्षकों के प्रमोशन को वरिष्ठता सूची हो प्रकाशित
उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नागेश कुमार व मंत्री प्रशांत चौधरी ने बीएसए महेश चंद्र को मांग पत्र देकर कहा कि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने बताया कि जिले में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में करीब 550 प्रधानाध्यापकों के रिक्त पड़े हैं। स्थानांतरण से पूर्व शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिए। पत्र में बीएसए से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी करने की मांग की गई है। अप्रैल 2017 छात्र संख्या के आधार पर पद सृजन करना गलत है। स्कूल चलो अभियान पूरे प्रदेश में चल रहा है। अभियान पूरा होने के बाद ही छात्र संख्या के आधार पर पद सृजित किए जाने चाहिए। शासन से आई तबादला नीति से शिक्षकों का शोषण होगा। शिक्षकों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। शासन ने तबादला नीति में संशोधन नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा। शिक्षकों के तबादले उनके गृह जनपद में करने की वकालत की है।
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