प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता पद पर विभागीय पदोन्नति करने की है। शिक्षा निदेशालय ने इसका खाका तैयार करके शासन को भेज दिया है और वहां से मंजूरी मिलने की राह देखी जा रही है।
करीब सात वर्ष से पदोन्नति न होने के कारण शासन भी निदेशालय के प्रस्ताव पर सहमत दिख रहा है। एक साथ इतने प्रमोशन होने के बाद महकमे में एलटी ग्रेड शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त होंगे।1प्रदेश के 225 राजकीय बालक इंटर
कालेज और 361 राजकीय बालिका इंटर कालेजों में प्रवक्ता के पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षा महकमे के अफसर एलटी ग्रेड शिक्षकों की विभागीय पदोन्नति करते आ रहे हैं। 1992 की नियमावली के तहत प्रवक्ता पद पर प्रमोशन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग पर है। आयोग प्रवक्ता की सीधी भर्ती भी करता है। शिक्षा निदेशालय से हर साल प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है, लेकिन 2009 से एक भी प्रमोशन नहीं हो सका है। कई बार आयोग ने पदोन्नति से संबंधित वरिष्ठता सूची आदि पर सवाल खड़ा किया तो निदेशालय ने उसका जवाब भी भेजा। इधर करीब तीन वर्ष से लगातार निदेशालय के अफसर आयोग में जाकर पदोन्नति पूरा करने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। इधर आयोग में कामकाज प्रभावित है। सात वर्ष से पदोन्नति न होने के कारण पुरुष संवर्ग में 927 और महिला संवर्ग में 783 कुल 1710 पद रिक्त चल रहे हैं और अर्ह शिक्षकों की पत्रवली आयोग में लंबित है। पिछले दिनों शासन में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और प्रमोशन का दूसरा रास्ता खोजा गया। शिक्षा निदेशालय को नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजने को कहा गया, ताकि आयोग के बजाय विभागीय अफसर प्रमोशन कर सके। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि निदेशक के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है, वहां से निर्देश आने पर अगला कदम उठाया जाएगा। 1एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग अधर में : शिक्षा निदेशालय प्रवक्ताओं के प्रमोशन को लेकर खासा गंभीर है, लेकिन राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की पदोन्नति तीन वर्षो से नहीं की जा रही है। इनकी वरिष्ठता सूची को अफसर अब तक लटकाये हुए हैं। इस मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत भी हो चुकी है, फिर अनसुनी जारी है।’ उप्र लोकसेवा आयोग में अटके 1710 राजकीय कालेजों के प्रमोशन 1’ शासन को नियमावली में बदलने का शिक्षा निदेशालय ने भेजा प्रस्ताव
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करीब सात वर्ष से पदोन्नति न होने के कारण शासन भी निदेशालय के प्रस्ताव पर सहमत दिख रहा है। एक साथ इतने प्रमोशन होने के बाद महकमे में एलटी ग्रेड शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त होंगे।1प्रदेश के 225 राजकीय बालक इंटर
कालेज और 361 राजकीय बालिका इंटर कालेजों में प्रवक्ता के पद रिक्त चल रहे हैं। शिक्षा महकमे के अफसर एलटी ग्रेड शिक्षकों की विभागीय पदोन्नति करते आ रहे हैं। 1992 की नियमावली के तहत प्रवक्ता पद पर प्रमोशन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग पर है। आयोग प्रवक्ता की सीधी भर्ती भी करता है। शिक्षा निदेशालय से हर साल प्रवक्ता पद पर पदोन्नति के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है, लेकिन 2009 से एक भी प्रमोशन नहीं हो सका है। कई बार आयोग ने पदोन्नति से संबंधित वरिष्ठता सूची आदि पर सवाल खड़ा किया तो निदेशालय ने उसका जवाब भी भेजा। इधर करीब तीन वर्ष से लगातार निदेशालय के अफसर आयोग में जाकर पदोन्नति पूरा करने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। इधर आयोग में कामकाज प्रभावित है। सात वर्ष से पदोन्नति न होने के कारण पुरुष संवर्ग में 927 और महिला संवर्ग में 783 कुल 1710 पद रिक्त चल रहे हैं और अर्ह शिक्षकों की पत्रवली आयोग में लंबित है। पिछले दिनों शासन में इस मुद्दे पर चर्चा हुई और प्रमोशन का दूसरा रास्ता खोजा गया। शिक्षा निदेशालय को नियमावली में संशोधन करने का प्रस्ताव भेजने को कहा गया, ताकि आयोग के बजाय विभागीय अफसर प्रमोशन कर सके। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि निदेशक के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है, वहां से निर्देश आने पर अगला कदम उठाया जाएगा। 1एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग अधर में : शिक्षा निदेशालय प्रवक्ताओं के प्रमोशन को लेकर खासा गंभीर है, लेकिन राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग की पदोन्नति तीन वर्षो से नहीं की जा रही है। इनकी वरिष्ठता सूची को अफसर अब तक लटकाये हुए हैं। इस मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत भी हो चुकी है, फिर अनसुनी जारी है।’ उप्र लोकसेवा आयोग में अटके 1710 राजकीय कालेजों के प्रमोशन 1’ शासन को नियमावली में बदलने का शिक्षा निदेशालय ने भेजा प्रस्ताव
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