जागरण संवाददाता,
शाहजहांपुर : बेसिक शिक्षा में समायोजन सूची में बड़ा बदलाव हो गया है। 30
सितंबर 2016 की छात्र संख्या को 30 अप्रैल 2017 को दर्शा दिए जाने से
समायोजन से अप्रभावित शिक्षक भी अब चपेट में आ गए हैं।
जांच में गड़बड़ पकड़ में आने के बाद अब सरप्लस शिक्षकों की संख्या 500 का आंकड़ा पार कर गई है।
तत्कालीन बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने 440 शिक्षकों को सरप्लस दर्शाते हुए उनके समायोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी बीच उनका लखनऊ मुख्यालय तबादला हो गया। नवागत बीएसए राकेश कुमार ने कार्य भार ग्रहण करने के बाद समायोजन सूची की जांच की। छात्र संख्या के आधार पर तैयार सूची में गड़बड़ी मिली। दरअसल बीआरसी के माध्यम से विद्यालयों से जुटाई गई छात्र संख्या में खेल कर दिया गया। अप्रोच वाले शिक्षकों ने सरप्लस से बचने के लिए 30 सितंबर की छात्र संख्या को ही 30 अप्रैल को दर्शा दिया। इससे करीब 60 शिक्षक समायोजन सूची से बच गए। बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि कुछ और शिकायतें मिली है। उनकी भी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि तैयार 473 समायोजन की सूची में अब इजाफा तय है और यह संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी।
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Jagran
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जांच में गड़बड़ पकड़ में आने के बाद अब सरप्लस शिक्षकों की संख्या 500 का आंकड़ा पार कर गई है।
तत्कालीन बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने 440 शिक्षकों को सरप्लस दर्शाते हुए उनके समायोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी बीच उनका लखनऊ मुख्यालय तबादला हो गया। नवागत बीएसए राकेश कुमार ने कार्य भार ग्रहण करने के बाद समायोजन सूची की जांच की। छात्र संख्या के आधार पर तैयार सूची में गड़बड़ी मिली। दरअसल बीआरसी के माध्यम से विद्यालयों से जुटाई गई छात्र संख्या में खेल कर दिया गया। अप्रोच वाले शिक्षकों ने सरप्लस से बचने के लिए 30 सितंबर की छात्र संख्या को ही 30 अप्रैल को दर्शा दिया। इससे करीब 60 शिक्षक समायोजन सूची से बच गए। बीएसए राकेश कुमार ने बताया कि कुछ और शिकायतें मिली है। उनकी भी जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि तैयार 473 समायोजन की सूची में अब इजाफा तय है और यह संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी।
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