एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद हजारों टीईटी बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में जगी रोजगार मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली (विधान केसरी)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक लाख 72 हजार शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द करने के बाद 7.12.12 में पूर्व सरकार द्वारा 72825 पदों के लिये निकाले गये नये विज्ञापन के हजारों टीईटी बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में पांच वर्षों तक नौकरी पाने के लिये की गयी भारी जद्दोजहद के बाद अब रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है।
क्योंकि प्रदेश में 65 हजार शिक्षकों के अधिक होने की दुहाई देने वाली सरकार के सामने अब शिक्षामित्रों को हटाने के बाद बड़ी संख्या में प्राथमिक स्कूलों में पद रिक्त हो जायेगें, ऐसे में 2012 में नये विज्ञापन के लिये हजारों रूपये की फीस का भुगतान करके शिक्षक बनने की उम्मीद जगाये बैठे इन हजारों योग्य अभ्यर्थियों ने उन रिक्त पदों पर 2012 में निकाले गये विज्ञापन पर भर्ती किये जाने की मांग तेज कर दी है। और जल्द ही लखनऊ कूच कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सरकार के तमाम मंत्रियों से मिलने की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। वहीं बात यदि सुप्रीम कोर्ट के 15वें एंव 16वें संशोधन पर भर्ती को बहाल किये जाने की करें तो सुप्रीम कोर्ट ने अकादमिक मेरिट से की गयी करीब 99 हजार पदों पर हुई जूनियर एंव टीईटी, बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती को सही माना है और उसी आधार पर सपा सरकार द्वारा निकाला गया 2012 का विज्ञापन है, ऐसे में कोर्ट ने कहा है कि सरकार चाहे तो 07.12.12 के नये विज्ञापन पर भी भर्ती कर सकती है। नये विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गेंद सरकार के पाले डाल दी है। वहीं नये विज्ञापन के लिये आवेदन कर चुके हजारों टीईटी बीएड बेरोजगारों में भी अब शिक्षक बनने की उम्मीद परवान चढ़ने लगी है। कल सुप्रीम कोर्ट का शिक्षामित्रों के खिलाफ फैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर अकादमिक मेरिट से नये विज्ञापन पर भर्ती किये जाने का सपोर्ट करने वालों लाखों अभ्यर्थियों की फेसबुक टाइम लाइन पर नये विज्ञापन पर भर्ती का मुद्दा छाया रहा। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार शिक्षामित्रों को हटाने के बाद रिक्त हुए पदों पर करीब 300 करोड़ रूपये सरकारी खजाने में जमा करा चुके नये विज्ञापन के इन लाखों टीईटी बीएड बेरोजगारों को नौकरी देती है या फिर इनके घरों के चुल्हें ठण्डे करके 2019 का रास्ता बंद करती है यह देखने वाली बात होगी। लेकिन ये सोलह आने सच है कि यदि सरकार ने अब इन 72825 नये विज्ञापन सपोर्टर लाखों अभ्यर्थियों की उपेक्षा की तो लाखों की तादात में ये बीएड टेट बेरोजगार लखनऊ की सड़कों पर दिखाई देगें और पूरे प्रदेश में अव्यवस्थाओं का माहौल गर्मा जायेगा।
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