पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के आरोपों से भाजपा चिंतित

सुप्रीम कोर्ट में ढंग से सरकार द्वारा पैरवी न करने के कारण पौने दो लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के आरोपों से भाजपा चिंतित हो गई है।
2019 में लोकसभा की 80 सीटों को फतह करने के लक्ष्य को लेकर चल रही भाजपा का संगठन सरकार से शिक्षा मित्रों को राहत देने की उम्मीद लगाए हुए है। पार्टी का मानना है कि गांव-गांव तक फैले ये पौने दो लाख शिक्षामित्र लोकसभा चुनाव तक संतुष्ट नहीं हुए तो उसके मंसूबों पर पानी फिर सकता है। यही नहीं ये शिक्षा मित्र निकाय चुनाव और सहकारिता चुनावों में भी भाजपा के लिए सिरदर्द बन जाएं तो हैरत नहीं। तीन माह में समस्या सुलझाने का किया था वादा: भाजपा सूत्रों के अनुसार सपा सरकार को शिक्षा मित्रों के समायोजन के मामले में हाईकोर्ट की ओर से गलत ठहराने के बाद प्रधानमंत्री ने 19 सितंबर 2015 को बनारस में ‘शिक्षा मित्रों की जिम्मेदारी अब हमारी’ कहकर राहत दी थी। इसके बाद भी चुनाव के दौरान भाजपा के बड़े नेता अपने चुनावी दौरे में सरकार बनने पर शिक्षा मित्रों की समस्या सुलझाने का वादा कर रहे थे। विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों की अहम भूमिका के कारण ही भाजपा को लोक कल्याण संकल्प पत्र में यह वादा करना पड़ा था कि उनकी समस्या को तीन महीनों में सुलझाया जाएगा।
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