पीएम मोदी को बनारस में घेरने के इनके प्लान पर प्रशासन ने फेरा पानी

ललितपुर. जबसे सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया है तभी से वह प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के प्रयास लगे हुए हैं। कभी शिक्षामित्र हड़ताल करते हैं तो कभी प्रदेश मुख्यालय पर बृहद प्रदर्शन करते हैं । लेकिन गुरुवार को वह एक नए कारनामे को अंजाम देने जा रही थे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में दौरे पर आ रहे हैं, तो शिक्षामित्रों ने उन्हें बनारस में घेरने की रणनीति बनाई मगर उसमें भी वह असफल हो गए । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का मानदेय 10000 रुपए देने से असंतुष्ट शिक्षामित्रों ने 22 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व निर्धारित अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में आगमन पर उनके द्वारा शिक्षा मित्रों से किये गए वायदे को याद दिलाने हेतु घेरने का कार्यक्रम बनाया था ।
उसी के तहत शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष भगवत सिंह की अगुवाई में भारी संख्या में शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्रित हुए शिक्षामित्र आज बनारस के लिए रवाना हो रहे थे । मगर जैसे ही इसकी भनक प्रशासन को लगी तो प्रशासन चौकन्ना हो गया । तत्काल उप जिलाधिकारी सदर महेश दीक्षित और कोतवाली प्रभारी भारत पांडे भारी दल बल के साथ ललितपुर स्टेशन पर आ पहुंचे । भारी मात्रा में आए पुलिस बल को देखकर शिक्षामित्रों में हड़कंप मच गया और वे तितर-बितर हो गए। फिर भी प्रशासन ने बड़ी संख्या में शिक्षा मित्रों को बनारस जाने से रोक दिया ।

एसडीएम सदर महेश दीक्षित ने बताया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल होने वाली बनारस की रैली में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो इसलिए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है । हालांकि शिक्षामित्रों ने बताया कि उनका उद्देश्य रैली में खलल पैदा करना नहीं था बल्कि प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा सुनानी थी। शायद कोई रास्ता निकल आता। हालांकि जिला प्रशासन ने जनपद ललितपुर के सभी रेलवे स्टेशनों पर पहरा बैठा दिया है जिससे कोई भी शिक्षामित्र ना जा सके।
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