मथुरा। प्रथम दृष्टया 19 शिक्षकों के संदिग्ध पाए गए
कागजातों की जांच अंबेडकर विवि में अटकी हुई है। बीएसए ने इनकी जांच के लिए
ऑनलाइन आवेदन किया है। बीएसए का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही
आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।
विगत वर्ष बेसिक शिक्षा की भर्ती में काउंसलिंग के दौरान
तत्कालीन बीएसए ने 19 अभ्यर्थियों की स्नातक डिग्री के कागजात संदिग्ध पाए
थे। बीएसए ने इसके लिए एसएसपी को एफआईआर के लिए भी लिखा था, लेकिन एफआईआर
दर्ज नहीं हो सकी। मामला जांच की कार्रवाई में अटक गया। कई अभ्यर्थी इस
संबंध में हाईकोर्ट गए, हाईकोर्ट ने इस संबंध में चार महीने के अंदर जांच
कर मामला निस्तारण के आदेश दिए।
शिकायतकर्ता नीलू, सुनील, विजय प्रताप, अंजू चौधरी आदि ने हाईकोर्ट का यह आदेश 15 मई 2017 को बीएसए को सौंप दिया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि बीएसए जानबूझ कर जांच को लटका रहे हैं। इधर, बीएसए संजीव कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने 19 शिक्षकों की जांच प्रक्रिया विवि के लिए ऑनलाइन भेजी है। जिसका विवि ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। जांच के दायरे में आए 19 शिक्षक नौहझील, बलदेव, मांट, फरह, राया ,चौमुंहा विकास खंड में तैनात हैं।
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शिकायतकर्ता नीलू, सुनील, विजय प्रताप, अंजू चौधरी आदि ने हाईकोर्ट का यह आदेश 15 मई 2017 को बीएसए को सौंप दिया। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि बीएसए जानबूझ कर जांच को लटका रहे हैं। इधर, बीएसए संजीव कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने 19 शिक्षकों की जांच प्रक्रिया विवि के लिए ऑनलाइन भेजी है। जिसका विवि ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया। जांच के दायरे में आए 19 शिक्षक नौहझील, बलदेव, मांट, फरह, राया ,चौमुंहा विकास खंड में तैनात हैं।
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