कैबिनेट के फैसले के बाद बीएड टेट उत्तीर्ण साथियों के हितार्थ महज दो मार्ग: दुर्गेश प्रताप सिंह

नमस्कार मित्रों,
आप सभी को विदित होगा कि प्रदेश सरकार मंत्रिमंडल की कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आरटीई रूल सहित उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन शिक्षक सेवा नियमावली में शिक्षक चयन नियमों के बदलाव की अनुशंसा कर दी हैं।
जो आगामी माह तक नियमावली में प्रतिस्थापित भी कर दिया जाएगा।

मा0 सर्वोच्च् न्यायालय ने अपने त्रुटिपूर्ण आदेश में शिक्षक पदों को समायोजित शिक्षामित्रों के अवैध कब्जे से मुक्त तो कराया परन्तु उक्त रिक्तियोँ को भरने की पूर्ण छूट राज्य सरकार के पाले में डाल दी। न ही रिक्तियोँ को भरने की कोई समयसीमा निश्चित की और न ही पीड़ित पक्ष (यथा बीएड हो या बीटीसी) के लिए एक शब्द ही लिखा।
उपरोक्त परिस्थितियों में राज्य सरकार शिक्षामित्रों के लिए तो यथासम्भव सहूलियत के प्राविधान कर रही हैं परंतु न्यायायिक रूप से विजयी प्रतिपक्षियों के लिए अद्यतन कोई आदेश निर्देश निर्गत नहीं किया गया हैं सिवाय राजनीतिक आश्वाशन के। जबकि हमारे बीएड टेट उत्तीर्ण साथियों ने शासन सत्ता को अपनी मांगों और चुनाव के दौरान किये गए वादों को मूर्त रूप देने हेतु अनुनय-विनय में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी हैं।
ऐसे माहौल में बीएड टेट उत्तीर्ण साथियों के हितार्थ दो मार्ग हैं;-
1. प्रदेश सरकार स्वयं ही टेट प्रमाणपत्र की वैधता को बढ़ाते हुए आगामी शिक्षक चयन प्रक्रिया में प्रतिभागिता के अवसर उपलब्ध कराए। अथवा,
2. मा0 सर्वोच्च् न्यायालय में शिक्षामित्र प्रकरण और द्वितीय विज्ञापन प्रकरण सहित एक नई रिट बीएड टेट को आगामी भर्ती में प्रतिभागिता के अवसर की प्रेयर के साथ फ़ाइल की जाए, जो कि मा0 गोयल जी के बेंच में सुनी जाएगी।
ध्यान रहे कि बीएड टेट उत्तीर्ण साथियों को आगामी भर्ती में प्रतिभागिता के अवसर दिलाने में मुख्यतः शिक्षामित्र प्रकरण और मात्र द्वितीय विज्ञापन के आवेदक परन्तु नियुक्ति स्व वंचित (जिन्होंने पहले विज्ञापन में आवेदन नहीं किया था) ही सहायक हो सकता हैं। इसके अलावा सभी मुद्दे रोमांचक मात्र सिद्ध हो सकते हैं लाभकारी नहीं। यद्यपि उपरोक्त कथन कटु अवश्य हो सकता हैं परंतु वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमें इस कड़वी परन्तु लाभकारी दवा को आत्मसात करना होगा। धन्यवाद्
_____आपका दुर्गेश प्रताप सिंह

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