एक नजर शिक्षामित्रों की रिव्यू पिटीशन याचिका और संगठन के भूमिका एवं कार्यशैली पर: सिद्धार्थनगर टीम उत्तर प्रदेश

एक नजर रिव्यू पार्टीशन और संगठन के भूमिका एवं कार्यशैली पर मित्रों प्रदेश नेतृत्व के दोनों बड़े नेता गाजी जी और शाही जी से हम सभी शिक्षामित्र पूछना चाहते हैं कि कोर्ट की पैरवी में आप की क्या भूमिका थी जब
हिमांशु राणा ने समायोजन रद्द करने के लिए राज्य सरकार एवं NCTE को पार्टी बनाया था तो आप कौनसी भूमिका में कोर्ट की पैरवी कर रहे थे आखिर क्यों नहीं आपके बड़े बड़े वकीलों के द्वारा किए गए दलील को  कोर्टने क्यों नही सुना
हम सभी का दूसरा बड़ा सवाल यह  है कि जब किस राज्य सरकार हार गया है तो रिव्यू पार्टीशन दखिल करने का अधिकार संवैधानिक अधिकार किसको है जब आप कोर्ट में पैरवी तीसरे व्यक्ति के रुप में कर रहे थे तो रिव्यू पार्टीशन दाखिल ें करने का अधिकार आपको कैसे हैं यदि आपको अधिकार है तो कोर्ट ने आपको क्यों नहीं  नहीं सुना   या फिर सुप्रीम कोर्ट जजमेंट ऑर्डर में आप के वकीलों का नाम क्यों नहीं आया और कोर्ट में आपके बड़े वकीलों के द्वारा कही गई बातों को क्यों नजर अंदाज किया गया क्या कभी आप दोनों ने इस बात पर विचार किया अगर नहीं तो क्यों
या फिर आप जा न बूझ कर  इन भोले भाले शिक्षामित्रों को कोर्ट के माया जाल में फंसा कर अपनी चंदे े की दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं और शिक्षामित्रों के मान-सम्मान को मिट्टी में मिलाते हुए इनकी लाशों पर राजनीति कर रहे हैं और रिव्यू पार्टीशन दाखिल करने और हरीश साल्वे को हायर करने के नाम पर चंदे की वसूली का धंधा आपने शुरू कर दिया है आपको शर्म आनी चाहिए प्रदेश के शिक्षा मित्रों की हुई मौत का जिम्मेदारी सिर्फ आप दोनों की है आप दोनों ने 17 वर्षों से शिक्षा मित्रों के विश्वास के साथ छल किया है धोखा दिया है इसकी नेतिक जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए

जागो मित्रों जागो नेताओं की चाल को समझो
इसी जागरुकता के साथ ...........
जय शिक्षक
जय शिक्षामित्र
सिद्धार्थनगर टीम उत्तर प्रदेश
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